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बिना दवाई फेफड़ों को साफ करने के ये है 6 नेचुरल तरीके

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 29 May, 2021 02:30 PM
बिना दवाई फेफड़ों को साफ करने के ये है 6 नेचुरल तरीके

वायु प्रदूषण, सिगरेट के धुएं और अन्य विषाक्त पदार्थों में सांस लेना फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और यहां तक ​​कि  कई तरह की बीमारियों का भी कारण बन सकता है। अगर आप अपने शरीर के बाकी हिस्सों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो  सबसे पहले फेफड़ों का हैल्थी होना बहुत जरूरी है। 

 विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार, वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से हर साल दुनिया भर में 4.2  मिलियन यानि कि 42 लाख लोगों की मौतें होती हैं। भारत की बात करें तो यहां साल 2017 में वायु प्रदूषण की वजह से करीब 12 लाख लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा दुनियाभर में धूम्रपान करने वालों में से करीब 12 प्रतिशत लोग भारत में ही रहते हैं और सिगरेट के धुएं के कारण भी हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में हमारे शरीर के फेफड़ों का स्वस्थ होना बहुत जरूर है, इस लेख में, हम कुछ ऐसे तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे जिनका उपयोग कर आप फेफड़ों को नेचुरल तरीके से क्सालीन कर सकते हैं, तो आईए जानते हैं- 
 

1 स्टीम लेना-
स्टीम थेरेपी या भाप लेने से फेफड़ों (Lungs) को क्लीन करने में बहेद कारगार है। स्टीम थेरेपी  फेफड़ों में मौजूद बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है। पानी में विक्स, संतरा या नींबू के छिलके, अदरक और नीम की पत्तियों को उबालकर भाप लेने से यह फेफड़े के लिए एक तरह से सैनिटाइजर का काम करता है। ऐसे में वायरस से बचाव के लिए आप रोजाना पांच मिनट तक भाप ले सकते है। 

स्टीम लेते वक्त बरतें यह सावधानी-
स्टीम  लेते समय पंखा, एसी या कूलर को बंद कर दें। इसके अलावा स्टीम लेते समय खुले स्थान यानि की हवा वाली जगह पर न बैठे. साथ ही कुछ घंटे तक ठंडा पानी भी न पीएं। इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। 

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2 ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें-
 फेफड़ों को हैल्थी रखने के लिए नियमित ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। खासकर वह लोग जरूर करें जो धूम्रपान करते हैं, या फिर जिन्होंने अतीत में धूम्रपान किया हो इसके अलावा  किसी पुरानी बीमारी की वजह से जिनके फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए हों वह भी सांस लेने से जुड़े व्यायाम जरूर करें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से गहरी सांस लेने से डायाफ्राम फंक्शन को बहाल करने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है। ऐसे में आप नियमित डायाफ्रामेटिक ब्रीदिंग कर सकते हैं आईए जानते हैं कैसे-

- सबसे पहले दीवार का सहारा लेकर सीधे बैठें या पीठ के बल लेट जाएं। 
-एक हाथ सीने पर और दूसरा पेट पर रखें। नाक से सांस लें। 
-सांस लेते वक्त पेट फूलना चाहिए लेकिन चेस्ट बिल्कुल नहीं हिलना चाहिए।
- सांस छोड़ते वक्त पेट अंदर की ओर खिंचना चाहिए। इसे कम से कम एक से दो मिनट तक करें।
 

3 नियंत्रित खांसी या कंट्रोल्ड कॉफिंग- 
फेफड़ों में मौजूद म्यूकस में जो विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं उसे नेचुरल तरीके से बाहर निकालने के लिए एक मात्र रास्ता खांसी है, ऐसे में नियंत्रित खांसी या कंट्रोल्ड कॉफिंग फेफड़ों में अतिरिक्त बलगम को ढीला करती है जिससे यह वायुमार्ग के माध्यम से बाहर आ जाता है। डॉक्टरों के सुझाव है के अनुसार, COPD बीमारी से पीड़ित लोगों को अपने फेफड़ों को साफ करने के लिए इस नियंत्रित खांसी का अभ्यास करना चाहिए।

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4 ग्रीन टी पीएं-
ग्रीन टी के कई अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं, वेट लॉस, बेहतर पाचन के साथ-साथ यह आपके फेफड़ों को भी साफ करने के लिए बहुत फायदेमंद है। यह एंटीऑक्सिडेंट के साथ पैक किया जाता है जो फेफड़ों में सूजन को कम करता है। डेश अदरक, नींबू या शहद के साथ हर दिन एक कप ग्रीन टी लें। ग्रीन टी में मौजुद ऐंटीऑक्सिडेंट्स फेफड़ों में होने वाले जलन और खुजली की समस्या को दूर कर लंग्स के नाजुक टिशूज को बचाने का भी काम करती है। साउथ कोरिया के 1 हजार वयस्कों पर हुई एक स्टडी के मुताबिक जिन लोगों ने हर दिन 2 कप ग्रीन टी पी उनका लंग फंक्शन ग्रीन टी न पीने वालों की तुलना नें ज्यादा बेहतर था।
 

5 खान-पान का रखें ध्यान-
हमारे रोजमर्रा के खाने-पीने में भी कई ऐसी कई चीजें हैं जो हमारे एयर पैसेज को क्लीन कर सांस लेने में होने वाली दिक्कत को दूर कर सकती हैं। जैसे कि
- हल्दी
-चेरीज
-ऑलिव
-अखरोट
-बीन्स
-हरी पत्तेदार सब्जियां
ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें खाने से हमारे फेफड़े नैचरल तरीके से क्लीन रहेंगे। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।


6 शहद कर करें नियमित सेवन-
शहद ऐंटीऑक्सिडेंट और ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टी से भरपूर होता है। जो लंग कंजेशन को दूर करने में मददगार है। इशके अलावा, अस्थमा, टीबी, गले में इंफेक्शन समेत सांस से जुड़ी कई बीमारियों को भी ठीक करने में मदद करता है।  हर दिन 1 चम्मच कच्चे शहद का सेवन, फेफड़ों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

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