कोरोना संकट के बीच देश में लाइसेंस से लेकर क्रेडिट डेबिड कार्ड तक, कई नए नियम लागू किए जा रहे हैं। अक्तूबर की पहली तारीख से ही देश भर में यह नियम जारी कर दिए गए हैं। इन नियमों के बारे हर किसी की जानकारी होना बहुत जरूरी है। उससे पहले बता दें कि रसोई गैस, हेल्थ इंश्योरेंस, विदेशों में पैसे भेजने पर टीसीएस आदि से जुड़े ये नियम सीधा आम आदमी की जेब पर असर डालने वाले हैं।
वेब पोर्टल के जरिए मेंटेन होगे वाहन नियम, फिजिकल कॉपी की जरूरी नहीं
वाहन संबंधी जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे - लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स, फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट्स आदि को अब सरकार वेब पोर्टल के माध्यम से मेंटेन करेगी। ऐसे में अगर आप कहीं फंस जाए तो ट्रैफिक पुलिस को डिजिटल कॉपी दिखा सकते हैं। ये सॉफ्ट कॉपी आप केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल या ऐप Digi locker या m parivahan में रख सकते हैं। बता दें कि इस वेव पोर्टल में कंपाउंडिंग और रिवोकेशन, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के सस्पेंशन, ई-चालान जैसे अपराधों का रिकॉर्ड भी मौजूद होगा।
ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे लेकिन...
आप ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे लेकिन केवल रुट्स नैविगेशन के लिए ही। किसी और काम के लिए मोबाइल इस्तेमाल होने पर कार्यवाही होगी। पकड़े जाने पर 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
विदेश में पैसा भेजना और विदेशी सैर होगी महंगी
आप विदेश में पैसा भेजते हैं तो अब आफको इसका टैक्स चुकाना होगा। आज से लागू हुए नियमों के अनुसार, एक साल में 7 लाख से ज्यादा के विदेशी रेमिटेंस पर 5 परसेंट TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) चुकाना होगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश पैसे भेजने वाले व्यक्ति को टीसीएस देना होगा। बता दें कि एलआरएस के तहत 2.5 लाख डॉलर सालाना तक भेज सकते हैं, जिस पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसी को टैक्स के दायरे में लाने के लिए टीसीएस देना होगा।
मुफ्त नहीं मिलेगी गैस सिलेंडर
प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के तहत मोदी सरकार गरीब ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर बांटती है लेकिन अब इस योजना के तहत गैस सिलेंडर फ्री में नहीं मिलेगा। 1 अक्टूबर से गैर-सब्सिडी वाले LPG सिलेंडर और कामर्शियल गैस के रेट में बदलाव किए जाएंगे।
मिठाई के डिब्बे पर एक्सपाइरी डेट की जानकारी देना जरूरी
FSSI की नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब दुकानदारों को मिठाई का नाम, दाम, कब बनाई गई और कब तक यूज होगी जैसी जानकारी मिठाई के साथ शो-केस में ही डिस्प्ले करनी होगी। बिक्री के लिए रखे गई मिठाई के लिए ‘निर्माण की तारीख’ तथा उपयोग की उपयुक्त (Best Before Date) अवधि’ जैसी जानकारी प्रदर्शित करनी होगी।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलाव
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का स्वरुप भी पूरी तरह बदलने जा रहा है, एक बार हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी बेचने के बाद बीमा कंपनियां मनमर्ज़ी से क्लेम रिजेक्ट नहीं कर पाएंगी। बड़ी व अहम बीमारियों की पॉलिसी लेने के बाद वेटिंग पीरियज भी कम होगा। अगर आपने लगातार 8 साल तक अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम भरा है तो कंपनी किसी भी कमी के आधार पर क्लेम रिजेक्ट नहीं कर पाएगी। नये हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसिज के तहत किफाती दर पर अधिक बीमारियों का कवर उपलब्ध होगा। यह बदलाव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को स्टैंडर्डाइज्ड और कस्टमर सेंट्रिक बनाने के लिए किया जा रहा है।
टीवी खरीदना होगा महंगा
अगर आप टीवी खरीदने की सोच रहे हैं तो बता दें कि अक्टूबर से उसके दाम भी बढ़ने वाले हैं। अब तक सरकार की तरफ से विनिर्माण में यूज होने वाली टीवी की ओपन सेल पर 5% शुल्क बहाल किया था, जो 30 सितंबर से खत्म हो गया है। आज से LED/LCD के लिए ओपन सेल पैनेल्स पर 5 परसेंट इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी। अब 32 इंच टीवी के दाम 600 रुपए और 42 इंच टीवी के दाम 1,200 से 1,500 रुपए तक बढ़ जाएंगे।
बढ़ते फ्रॉड के चलते बदले क्रेडिट-डेबिट कार्ड के नियम
बढ़ते फ्रॉड को देखते हुए RBI ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े नए नियम लागू किए हैं। इसके अंतर्गत अब इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन की सुविधाएं नहीं दी जाएगी। यानि कि अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड केवल POS (Point of Sale) टर्मिनल और ATM से पैसा निकालने में ही कर सकेंगे। ये बदलाव सभी मौजूदा कार्ड्स, नए कार्ड्स या रीन्यू कार्ड्स पर लागू होगा।
FSSAI ने जारी किए सरसों के तेल के नए नियम
फूड रेगुलेटर FSSAI ने नए नियमों के तहत, अब सरसों के तेल में किसी अन्य खाद्य तेलों की मिलावट पर पूरी रोक लगा दी गई है। नए नियमों के मुताबिक, खाद्य तेल निर्माताओं या प्रोसेसर, जिनके पास सरसों के तेल के साथ मिश्रित खाद्य वनस्पति तेल के उत्पादन का लाइसेंस है, उन्हें सरसों के तेल/सरसों के बीज या किसी अन्य खाद्य तेल के अपने मौजूदा स्टॉक को अन ब्लेंडेड कुकिंग ऑयल के रूप में बेचने का निर्देश दिया गया है।
ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स वसूलेंगे 1% टैक्स
टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (Tax Collected at Source) को लेकर आज से नया नियम लागू हुआ है। जिसके मुताबिक, ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स गुड्स और सर्विस सेल पर 1 परसेंट TCS काटेंगे। वित्त अधिनियम 2020 में इनकम टैक्स कानून 1961 में एक नई धारा 194-O जोड़ी गई है। ई- कॉमर्स ऑपरेटर को डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के जरिये होने वाले माल, सर्विसेज या दोनों के कुल मूल्य पर एक परसेंट की दर से इनकम टैक्स लेना होगा।