सोनम बाजवा पंजाबी सिनेमा की हिट एक्ट्रेसेज में से एक हैं। पंजाबी सिनेमा में आने से पहले सोनम एयरहोस्टेस थी। उन्होंने बताया कि पंजाबी फिल्मों में एंट्री से पहले उन्हें पता थी नहीं था कि पंजाबी सिनेमा भी है। साल 2012 में मिस इंडिया में हिस्सा लेने के बाद ही उन्हें पंजाबी फिल्म ऑफर होने लगी। चलिए आपको बताते हैं एयरहोस्टेस से पंजाबी सिनेमा की जान बनी सोनम बाजवा की लाइफ से जुड़ी कुछ खास बातें।
बचपन से ही था एक्टिंग का शौक
वह बताती हैं कि मेरे डैड प्रिंसिपल और मां एजुकेशनिस्ट हैं इसलिए वह हर मिडिल क्लास फैमिली की तरह मुझे सेटेल्ड देखना चाहते थे लेकिन बचपन से ही मेरी दिलचस्पी एक्टिंग व मॉडलिंग में थी। मेरे कन्वेंस करने के बाद मेरे माता-पिता ने मुझे फिल्मों में काम करने की इजाजत दे दी। फिर जॉब के सिलसिले में मुंबई आ गई, जहां मुझे अपने बचपन के सपने को साकार करने का मौका मिला।
पहले एयरहोस्टेस थी सोनम
उन्होंने बताया कि मुझे नहीं पता था कि मेरी एंट्री ग्लैमर और फिल्मी दुनिया में जाएगी। फिल्मों में आने से पहले में एयरहोस्टेस की जॉब करती थी।
मिस इंडिया के बाद मिलें फिल्मों के ऑफर
मुझे मेरी लुक्स के कारण अक्सर लोग मिस इंडिया में हिस्सा लेने के लिए कहते थे। जब मैंने 2012 में फेमिना मिस इंडिया कांटेस्ट में हिस्सा लिया तो मेरा सिलेक्शन हो गया। इसके बाद में जब मैं वापिस आई तो दोबारा एयर लाइन्स में काम करने का मन नहीं था। बस फिर मैंने मॉडलिंग की तरफ ही रुख कर लिया और उसी के बाद मुझे पंजाबी फिल्मों के भी ऑफर आने लगे।
साउथ फिल्मों भी कर चुकी हैं काम
आपको बता दें कि सोनम पंजाबी फिल्मों के साथ-साथ साउथ की फिल्मों में भी अपना हाथ आजमा चुकी हैं। उनका कहना है कि साउथ की फिल्मों की तुलना में पंजाबी फिल्मों की मार्केट काफी कम है। उसकी एक वजह यह भी है कि साउथ की फिल्मों की टेक्नोलॉजी पंजाबी फिल्मों से बेहतर है।
लोगों ने बनाया है सेलिब्रेटी
उनका कहना है कि सेलिब्रिटी तो मुझे ऑडियंस ने बनाया है, जिसके लिए मैं उनका शुक्रिया भी करती हूं। भले ही मैंने ज्यादा हिट फिल्में ना की हो लेकिन सभी ने मेरे काम को सराहा और सेलिब्रिटी का दर्जा लेकिन मुझे लगता है कि ये तो बस शुरुआत है। अभी मुझे बहुत आगे बढ़ना है और अपने काम को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी है।
डायरेक्टर को समझो तो सब आसान
सोनम ने बताया कि 'मैंने हर फिल्म में अलग-अलग किरदार निभाए हैं और सबका अनुभव भी अलग है। अलग-अलग किरदार निभाने में चुनौतियां तो आती है लेकिन अगर किरदार को डायरेक्टर की सोच के मुताबिक लिया जाए तो हर काम आसान हो जाता है। मैं इसी सोच के साथ काम करती हूं और आगे भी करती रहूंगी।'
स्टारडम के पीछे नहीं भागती
स्टारडम को लेकर सोनम ने कहा कि इस बात से तो सभी वाकिफ है कि स्टारडम हर वक्त किसी के पास नहीं रहती। वक्त तो बदलता रहता है इसलिए स्टारडम के पीछे इतना भी मत भागो कि रिश्ते पीछे छूट जाएं। वक्त अच्छा हो या बुरा रिश्ते ही काम आते हैं।
धीरे-धीरे बनेंगी महिला केंद्रित फिल्में: सोनम
सोनम कहती हैं कि पंजाबी फिल्मों में महिलाओं का रोल गुड्डियों की तरह होता है लेकिन समय बदलना शुरू हो चुका है। जल्द ही ऐसी फिल्में भी बनेंगी जहां महिलाओं का किरदार अहम होगा।
घूमना-फिरना और शॉपिंग है पसंद
मुझे घूमना-फिरना, शॉपिंग करना, बातें करना, फुरसत के पल अपने दोस्त और फैमिली के साथ बिताना पसंद है। मेरी लाइफ में जब भी ये पल आते हैं तो मुझे बहुत खुशी मिलती है।