कई बार टीवी पर कोई हास्य शो या कोई जोक सुनने से मूड अच्छा हो जाता है। हंसने से मानसिक तनाव दूर होकर उत्साह बढ़ने में मदद मिलती है। साथ ही चेहरे की मांसपेशियों पर खिंचाव आता है, जिससे स्किन ग्लो करती है। इसतरह हंसना सेहत और स्किन दोनों के लिए फायदेमंद माना गया है। वहीं हंसने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 20 मार्च को 'World Happiness Day' यानि 'विश्व खुशी दिवस' मनाया जाता है। इसके लिए आप लाफ्टर थेरेपी और लाफ्टर योग का सहारा ले सकते हैं। ऐसे में इस खास अवसर पर हम आपको लाफ्टर थेरेपी और लाफ्टर योग में अंतर, इसे करने का तरीका व फायदे बताते हैं...
लाफ्टर योग और लाफ्टर थेरेपी में क्या है अंतर?
आमतौर पर लोग लाफ्टर योग और लाफ्टर थेरेपी को एक ही समझते हैं। मगर लाफ्टर थेरेपी इमोशन कल्चर का हिस्सा होती है। इसमें इमोशन पर कंट्रोल करना सीखाया जाता है। दूसरी ओर लाफ्टर योग दौरान शारीरिक एक्टिविटी पर ध्यान दिया जाता है। आप इसे रनिंग, जॉगिंग, स्ट्रचिंग आदि के दौरान भी कर सकते हैं। इस योग के अंदर एक लाफ्टर सेक्शन आता है, जिसे लाफ्टर योग कहा जाता है। एक्सपर्ट अनुसार, फिट एंड फाइन रहने के लिए ये दोनों तरीके सी फायदेमंद माने होते हैं। चलिए जानते हैं इन्हें करने का तरीका व फायदों के बारे में...
लाफ्टर थेरेपी करने का तरीका
इसकी शुरुआत धीरे-धीरे हंसने से होती है। उसके बाद व्यक्ति तेज-तेज हा... हा... हा... बोलता है। इस प्रक्रिया को ग्रुप में किया जाता है। इस दौरान एक-दूसेर को देखकर जोर-जोर से हंसते है। इस थेरेपी में किसी टूल की मदद से भी व्यक्ति को हंसाया जाता है।
लाफ्टर योग करने का तरीका
लाफ्टर योग करने की शुरुआत तालियां बजाकर की जाती है। इसके बाद हाथों को आसमान की ओर उठाकर गहरी सांस ली जाती है। कुछ देर बाद हाथों को नीचे लाकर मुंह से सांस ली जाती है। इस प्रक्रिया दौरान भी व्यक्ति को हा... हा... हा... बोलने के लिए कहा जाता है। साथ ही कुछ और शब्द जैसे गुड मॉर्निग, वैरी गुड आदि शब्द भी बोले जाते हैं। उसके बाद हाथों को ऊपर ले जाकर लंबी सांस लेते हुए चिल्लाया जाता है। इस योग को खड़े होकर व पास के व्यक्ति से हाथ मिलाकर खुशी का अनुभव करते हुए किया जाता है।
लाफ्टर थेरेपी और लाफ्टर योग करने के फायदे
चेहरे पर आएगा ग्लो
हंसने से चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। ऐसे में चेहरा ग्लोइंग व जवां नजर आता है।
डायबिटीज का खतरा करे कम
रोजाना लॉफ्टर योगा या थेरेपी करने से डायबिटीज कंट्रोल रहने में मदद मिलती है।
ऑक्सीजन लेवल बढ़ेगा
एक्सपर्ट अनुसार, हंसने दौरान हम गहरी सांस लेने और छोड़ने की एक्सरसाइज करते हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का सही तरीके से संचार होता है। साथ ही दिनभर एनर्जेटिक महसूस होता है।
ब्लड प्रेशर रहेगा नॉर्मल
एक रिचर्स अनुसार, हंसने का संबंध शरीर में ब्लड सर्कुलेशन से माना गया है। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। ऐसे में ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोजाना 20-30 मिनट तक लॉफ्टर थेरेपी जरूर करनी चाहिए।
तनाव होगा कम
तनाव के कारण मानसिक व शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए हंसना बेहद जरूरी होता है। एक्सपर्ट अनुसार, खुलकर हंसने से स्ट्रेस दूर होने में मदद मिलती है। साथ ही स्मरण शक्ति बढ़ती है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार
जोर-जोर से हंसना इम्यूनिटी बूस्ट करने का काम करता है। इससे शरीर का बीमारियों की चपेट में आने से बचाव रहता है। इस प्रक्रिया दौरान शरीर में एंटी-वायरल व संक्रमण को रोकने वाली कोशिकाएं तेजी से बढ़ती है।
पॉजिटिव रहने में मिलेगी मदद
हंसने दौरान शरीर में इन्डोर्फिन नामक हार्मोन बनता है। यह शरीर को सुखद एहसास और सकारात्मकता से भरने का काम करता है। इस हार्मोन की मदद से मूड फ्रेश रखने में मदद मिलती है।
इन लोगों को लाफ्टर थेरेपी या योग करने से बचना चाहिए
. गर्भवती महिलाओं जोर-जोर से हंसने से शारीरिक परेशानी हो सकती हैं। ऐसे में इन्हें किसी एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही लाफ्टर योग करना चाहिए।
. जिन लोगों की पिछले 6 महीने के अंदर कोई सर्जरी हुई हो उन्हें भी लाफ्टर थेरेपी नहीं करनी चाहिए।
. किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को भी लाफ्टर थेरेपी लेने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए।