स्नातन धर्म के लोग भगवान हनुमान को बहुत मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अपने भक्तों की एक पुकार पर वो उनके हर दुख हर लेते हैं। मंगलवार भगवान हनुमान जी का दिन माना जाता है। इस दिन तमाम लोग संकटमोचन के द्वार में हाजरी लगाते हैं, ताकि उनके हर दुख दूर हो जाते हैं। वैसे आपने सुना होगा की सिर्फ पुरुष ही बजरंगबली जी की पूजा कर सकते हैं क्योंकि वो बाल ब्रह्मचारी थे, पर महिलाएं भी अगर कुछ विशेष ध्यान रखें तो भगवान की अराधना कर सकती हैं....
ना छुएं मूर्ती
मान्यता है कि महिलाएं हनुमान जी की मूर्ति को छू नहीं सकती हैं। लेकिन मूर्ति को बिना छूए पूजा करने में कोई दिक्कत नहीं है। बस मूर्ति का स्पर्श करने से परहेज करें।
ना झुकाएं सिर
कहा जाता है कि कोई महिला हनुमान जी के सिर नहीं झुकाती क्योंकि वो खुद देवी सीता को माता मानते हैं। पवन पुत्र हर महिला को अपनी मां समान मानते हैं और नहीं चाहते हैं की कोई उनके आगे सिर झुकाए। जब भी बजरंगबली की पूजा करें इस बात का ध्यान रखें कि उनके सामने सिर ना झुकाते हुए दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करें और भूल चूक की माफी मांग लें।
जल ना चढ़ाएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी- देवताओं की प्रतिमा पर जल अर्पित करना एक संस्कार के रुप में गिना जाता है। पूजा ने सबसे पहले जल अर्पित किया जाता है। एत तरह से इसे भगवान को स्नान करने के रूप में देखा जाता है, इसलिए महिलाएं भूलकर भी हनुमान जी को जल अर्पित ना करें और ना ही वस्त्र अर्पित करें।
नोट- यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।