म्यूजिक एक बेहतरीन मूड बूस्टर है। म्यूजिक की मधुर धुनों को सुनने से कुछ ही पलों में तनाव दूर हो जाता है। ये एक तरीके की थेरेपी भी है, जिसे पहले के जमाने में शारीरिक और मानसिक समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सिर्फ तनाव में ही नहीं ब्लकि हाल ही की कुछ स्टीडज में ये बात सामने आई है कि संगीत प्रेग्नेंसी में भी बड़े फायदे देता है। इससे दोनों में और अजन्मे बच्चे की सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान गाने सुनना
प्रेग्नेंसी में संगीत के संपर्क में आने से नवजात बच्चे में समग्र मानसिक, संज्ञानात्मक, व्यवहारिक, संवेदी, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण सुधार होते हैं। एक स्टडी में ये बात भी सामने आई है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत और लाइट म्यूजिक प्रेग्नेंट महिला और उनके अजन्मे बच्चे की सजगत, प्रतिक्रियाओं, आंदोलन और मानसिक उत्तेजना में सुधार देखा, जबकि प्रेग्नेंट महिला में शांत और सकारात्मक प्रभाव प्रदान करता है।
पेट में बच्चा कब से म्यूजिक सुन सकता है
ये माना जाता है कि अजन्मे बच्चे दूसरी तिमाही में संगीत सुन सकते हैं। गर्भधारणा के नौ हफ्ते बाद बच्चे के कान का निर्माण शुरू हो जाता है और बच्चा बाहर की आवाजें सुन सकता है। एक प्रेग्नेंट महिला 25 से 26 सप्ताह प्रेग्नेंट होती हैं, तो आपका बच्चा बाहरी शोर और आवाज का जवाब देना शुरू कर सकता है। तीसरी तिमाही तक, आपका बच्चे आपकी आवाज से इतना परिचित होगा कि वह उसे तुरंत पहचान लेता है।
जानें प्रेग्नेंसी में म्यूजिक सुनने के फायदे
पर्सनालिटी डेवलपमेंट
ऐसा माना जाता है कि जब मां प्रेग्नेंसी के दौरान संगीत सुनती है तो वह आपके बच्चे के पर्सनालिटी को बनाने में मदद करता है, क्योंकि वह बड़ा तेज व्यक्ति बन सकता है। इस प्रकार, सुखदायक संगीत एक शांत और शांत आचरण को प्रोत्साहित कर सकता है, जबकि तेज संगीत आक्रमण लक्षणों को सामने ला सकता है।
तनाव होता है कम
तनाव को कम करने के लिए संगीत से बेहतर और कुछ नहीं है। ये आपके मन को भी हल्का करता है। यह बदले में, आपके बच्चे को और शांत और सुखी महसूस करवाता है। ये इस प्रकार प्रेग्नेंसी के दौरातन तनाव से निपटने का एक प्रभावी तरीका है।
श्रवण इंद्रियां बेहतर होती हैं
संगीत आपके बच्चे को लयबद्ध ध्वनि तरंगों सा लगता है। बच्चा इन पर ध्यान केंद्रति करता है और ये सजगता में सुधार करते हुए संज्ञानात्मक कौशल और श्रवण इंद्रियों को उत्तेजित करता है।
इस बात का रखें ध्यान
बता दें कि संगीत में एक विशेष लय होता है जिससे बच्चों को पहचानना और याद रखना आसान हो जाता है। यह माना जाता है कि बच्चे की सांस लेने से लेकर दिल की धड़कन की रफ्तार तक पर इससे फर्क पड़ता है । इसलिए, तेज या चिल्लाता हुआ सा संगीत आपके बच्चे के लिए उपयुक्त नहीं होगा और ये आपके स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा सकता है।