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किन महिलाओं की बच्चेदानी में आती है सूजन, जानिए कारण और क्या है इसके घरेलू इलाज

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 25 Mar, 2022 01:10 PM
किन महिलाओं की बच्चेदानी में आती है सूजन, जानिए कारण और क्या है इसके घरेलू इलाज

बहुत-सी महिलाओं को आपने पेट के निचले हिस्से में दर्द रहने की शिकायत करते सुना होगा। दरअसल, पेट का ये दर्द बच्चेदानी की सूजन के कारण भी हो सकता है। महिला को इसके चलते पेट में, कमर में और सिर में दर्द रहता है बुखार होने लगता है।  ये समस्या महिला को बांझपन, पेल्विक इंफेक्शन, यूट्रस में फोड़े व पस जमा कर सकते हैं और अगर ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो बच्चेदानी का कैंसर तक भी हो सकता है जिसे यूट्रस फाइब्रॉएड कहते हैं।  चलिए आज आपको गर्भाश्य में सूजन होने के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में बताते हैं। 

गर्भाश्य फाइब्राइड है क्या?

ये समस्या अब महिलाओं को आम ही सुनने को मिल रही हैं। पूरे जीवन में लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं कभी ना कभी फाइब्राइड से जरूर प्रभावित होती है और 30 से 50 की उम्र में महिलाएं ज्यादा इसकी शिकार होती हैं। जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है उन्हें भी इसका रिस्क ज्यादा रहता है। 

पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
बहुत ज्यादा डिस्चार्ज और पीरियड्स के दिनों में ब्लीडिंग होना
थकान और कमजोरी महसूस होना
गैस, एसिडिटी और कब्ज रहना
प्राइवेट पार्ट में खुजली और जलन 
पीरियड्स के दौरान ठंड लगना और दर्द होना
इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना
तेज बुखार होना 
बार-बार यूरिन आना, ये सारे संकेत बच्चेदानी के सूजन के हो सकते हैं।

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लेकिन ये सूजन होती क्यों हैं इसकी वजह भी जानिए

बार-बार गर्भपात होने से
अबॉर्शन करवाने से 
ज्यादा दवाइयों का सेवन करने से 
भूख से ज्यादा खाना खाने से 
टाइट कपड़े पहनने से 
इंटरकोर्स एक्टिविटी ज्यादा होने पर
ज्यादा एक्सरसाइज करने से
जिन महिलाओं का वजन अधिक हैं उनकी बच्चेदानी में सूजन हो सकती हैं। 

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कैसे रखें बचाव?

-इनसे बचने के लिए रैगुलर स्क्रीनिंग करवानी चाहिए वहीं सुरक्षित इंटरकोर्स करना चाहिए। 

-बच्चेदानी की सूजन होने पर डाक्टर आपको कुछ एंटीबॉयोटिक्स दवाइयां दे सकते हैं ताकि इंफैक्शन को रोका जा सकें। वहीं कुछ मामलों में एवेक्युएशन, नीडल एस्पिरेशन, सर्जरी आदि की भी जरूरत पड़ सकती है। 

-एवेक्युएशन में डिलिवरी या एबॉर्शन के बाद गर्भ में छूट गए उत्तकों को हटाया जाता है जबकि नीडल एस्पिरेशन की जरूरत तब पड़ती हैं जब पेट में बने फोड़े को निकालना हो। एक सूई आपके पेट या योनि के माध्यम से अंदर रखी जा सकती है और जिससे पस को हटाया जाता है और समस्या बहुत अधिक बढ़ गई हो तो सर्जरी का सहारा लिया जाता है।

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आप कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से भी इस सूजन को कम कर सकते हैं... 

आपकी डाइट का बहुत बड़ा रोल है सिर्फ इस बीमारी में ही नहीं लगभग हर बीमारी में। डाइट अच्छी लेंगे तो बीमारियां आस-पास भी नहीं फटकेंगी। हरी पत्तेदार, ताजी सब्जियां व फल जरूर खाएं। एक मुट्ठीभर सूखे मेवे, खूब सारा पानी पीएं। योग, सैर और एक्सरसाइज जरूर करें।  

1. सौंठ और नीम के पत्ते को उबालकर काढ़ा पीने से सूजन कम होती है। हल्दी वाला दूध भी बच्चेदानी की सूजन दूर करता है। 

2. बच्चेदानी की सूजन को दूर करने के लिए भी बादाम बहुत फायदेमंद है। रात को बादाम को दूध के साथ भिगो दें। सुबह उठकर बादाम समेत दूध पी लें। 

अगर इन सबके बावजूद आपको फर्क ना दिखें तो डाक्टरी जांच तुरंत करवाएं।

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