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देश की तरक्की में शामिल 'work from home' करती महिलाएं।

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 27 Feb, 2025 04:41 PM
देश की तरक्की में शामिल 'work from home' करती महिलाएं।

नारी डेस्क: देश तरक्की कर रहा है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था बाकि देशों की तुलना में ठीक- ठाक चल रही है। देश में कामकाजी पुरूषों और महिलाओं की संख्या बढ़ गई है। भले ही महंगाई कितनी भी बढ़ गई हो। लोगों के जीवन जीने का स्तर पहले से बेहतर हुआ है। 

देश की तरक्की की इस सारी प्रकिया के पीछे एक छुपा हुआ वर्ग समाज की तरक्की के लिए अपना मूक योगदान प्रदान कर रहा है। यह वर्ग उन भारतीय लड़कियों और महिलाओं का है जो बेहद पढ़ी लिखी हैं और भिन्न-भिन्न वर्गों में उच्च शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं। 

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मसलन कोई वकील, इंजीनियर, सी.ए. तो कोई एम.बी.ए. जैसी कठिन शिक्षा हासिल तो किए हुए हैं लेकिन कई कारणों से 'work from home' करके अपनी सेवाएं बढ़ी बढ़ी कम्पनियों को प्रदान कर रही हैं। वे चाहें तो इन्हीं  कम्पनियों में प्रत्यक्ष तौर पर भी आफिस में काम करने जा सकती हैं। 

लेकिन अपने परिवार की परिस्तिथियों को देखते हुए परिवार और कार्यक्षेत्र के साथ सामंजस्य बनाकर बेहद ही कुशलतापूर्वक पर्दे के पीछे रहकर बड़े बड़े काम कर रहीं हैं। यह वे महिलाएँ हैं जो सामाजिक चकाचौंध से दूर चुपचाप अपना फर्ज निभा रही हैं।

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 महिलाओं का बहुत बड़ा वर्ग भले ही केवल घर की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए इन कार्यक्षेत्रों के साथ जुड़ा है पर बहुत सी होनहार महिलाएं केवल अपनी उच्च शिक्षा के बेहतर उपयोग और अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को और मजबूत बनाने के लिए बड़ी तन्मयता से अपनी सेवाएं दे रही हैं।

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पिछले कुछ वर्षों से  जब से 'work from home' का प्रचलन बढ़ा हुक्के साथ ही स्त्रियों का सम्मान समाज में बढ़ने के साथ-साथ देश की अर्थव्यव्स्था मजबूत होती जा रही है। कहने का भाव यह है कि भारत की इस भागती दौड़ती तरक्की के पीछे महिलाओं का एक युवा वर्ग छिपा है।

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जो कभी अपना पूरा दिन अपनी उंगलियां अपने लैपटॉप पर दौड़ाने में तो कभी साथ-साथ बीच बीच में से अपने हाथ रसोई में खाना बनाने में तो कभी घर के बाकि कामकाज में अपना सामंजस्य बनाने में जुटी रहती हैं। ऐसी युवा भारतीय महिलाएं के द्वारा समाज के प्रति उनके योगदान के लिए उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की वे पूर्ण अधिकारी हैं।

लेखिका- चारू नागपाल 
 
 

 

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