घर-परिवार और काम-काज को संभालते हुए कई सारी महिलाएं अपने स्वास्ठय पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। महिलाओं की ये अनदेखी कई बार उनकी सेहत पर भी बुरा असर डालती हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है महिलाओं के लिए स्थिति और भी बदतर है, क्योंकि इसी उम्र में मेनोपॉज की शुरुआत भी होती है, जो उन्हें बीमारियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील बना देती हैं, जो महिलाओं 40 की उम्र पार कर चुकी हैं उन्हें रेगुलर टेस्ट करवाने चाहिए, जिससे गंभीर संक्रमण के जोखिम को कम करने के साथ बीमारी का पता लगाया जा सके। चलिए आपको बताते हैं कुछ टेस्ट जो 40 साल की उम्र के बाद हर महिला को करवा लेने चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर
आजकल की भाग-दौड़ वाली जिंदगी में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाली एक गंभीर समस्या है। इस बीमारी में शुरुआत में इसके लक्षणों का आभास नहीं होता है। ब्रेस्ट कैंसर की जांच आपको हर तीन साल में नियमित तौर पर करवानी चाहिए। ये जांच महिलाएं मैमोग्राफी तकनीक से करवा सकती है।
ब्लड प्रेशर
महिलाओं पर कामकाज का प्रेशर ज्यादा रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है और शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। महिलाओं को नियमित तौर पर इसकी जांच करवाते रहना चाहिए और इसके नियंत्रित भी रखना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल
महिलाओं के लिए बहुत जरुरी है की वो अपने शरीर के खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवाएं। कोलेस्ट्रॉल लेवल असामान्य होना कई गंभीर स्वास्थय समस्याओं की वजह बन सकता है।
पैप टेस्ट
आपको पैप टेस्ट हर साल करवाना चाहिए । ये टेस्ट सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। टेस्ट पॉजिटिव आने पर समय रहते प्रथामिक स्टेज में ही इसका इलाज करवाना जरुरी होता है।
पेल्विक एग्जामिनेशन
40 साल की उम्र के बाद आपको पेल्विक टेस्ट जरुरी करवाना चाहिए। ये जांच यूटेरस की सही स्थिति का पता लगाने के लिए की जाती है। इस जांच से आपको अपने यूटेरस के सही होने का पता चल जाएगा।
स्किन टेस्ट
वर्किंग महिलाओं के लिए स्किन कैंसर भी एक गंभीर बीमारी है। वैसे तो ये किसी भी महिला को हो सकता है लेकिन खासकर वर्किंग विमेन में ये बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है। इससे बचने के लिए महिलाओं को स्किन टेस्ट करवाना चाहिए । इससे समय रहते सावधानी से इलाज किया जा सकता है।