बॉलीवुड में ‘‘वंशवाद'' के मुद्दे पर बहस छेड़ने वालीं अभिनेत्री कंगना रनौत का लोकसभा तक पहुंचने का सफर विवादों से भरा रहा है। महाराष्ट्र सरकार की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से करने पर उन्हें सुरक्षा दी गई और पश्चिम बंगाल में हिंसा पर टिप्पणी करने को लेकर उनके ट्विटर हैंडल पर प्रतिबंध लगा दिया। बेबाक राजनीतिक टिप्पणियां करने वालीं मुखर अभिनेत्री कंगना रनौत अब हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा सांसद के रूप में संसद का रुख कर रही हैं।
37 वर्षीय कंगना अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपनी तीखी टिप्पणियों के लिए भी जानी जाती हैं। उन पर फिल्म उद्योग के दिग्गज जावेद अख्तर ने मानहानि का मुकदमा किया था। अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करते हुए रनौत ने अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि निचले सदन में वह फिल्म जगत की अन्य हस्तियों की तरह शांत रहना पसंद करेंगी या अपनी तीखी टिप्पणियां को और धार देंगी।
मंगलवार को जब रुझानों से पता चला कि वह चुनाव जीतने जा रही हैं, तो चार बार की राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ने कहा, ‘‘इस प्यार और विश्वास के लिए मंडी के सभी लोगों का दिल से आभार... यह जीत आप सभी की है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा में आपके भरोसे की जीत है, यह सनातन की जीत है और मंडी के सम्मान की जीत है।''
फिल्म ‘‘क्वीन'' में अभिनय करने वालीं रनौत चुनाव लड़ने वाली अकेली फिल्मी कलाकार नहीं थीं। फिल्म जगत से अन्य कलाकार भी चुनावी मैदान में थे, जिनमें मेरठ से भाजपा के अरुण गोविल, मथुरा से दो बार सांसद रहीं हेमा मालिनी और आसनसोल से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल थे।
मीडिया और सोशल मंचों पर हमेशा मुखर रहने वाली रनौत 2019-20 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और 2020-21 में किसानों के विरोध जैसे मुद्दों पर सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन करने वाली एक प्रमुख आवाज थीं। अख्तर ने रनौत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, क्योंकि रनौत ने कहा था कि गीतकार ने उन्हें धमकी दी है। मामला अभी अदालत में है।