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हवन में आम की लकड़ी क्यों जलाई जाती है? जाने इसके पीछे का विशेष महत्व

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 17 Sep, 2024 02:28 PM
हवन में आम की लकड़ी क्यों जलाई जाती है? जाने इसके पीछे का विशेष महत्व

नारी डेस्क: हिंदू धर्म में हवन को पूजा और अनुष्ठानों में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। हवन करने के लिए आम की लकड़ी का प्रयोग क्यों किया जाता है? इसे समझने के लिए हमें इसके धार्मिक और वैज्ञानिक पहलुओं पर ध्यान देना होगा। आइए जानते हैं आम की लकड़ी के उपयोग के पीछे के कारण और इसके लाभ।

आम की लकड़ी का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में आम की लकड़ी को पवित्रता, उर्वरता, और देवत्व का प्रतीक माना गया है। हवन के दौरान आम की लकड़ी का उपयोग करने से यह मान्यता है कि नकारात्मक शक्तियों को समाप्त किया जा सकता है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विशेष रूप से शादी के अवसर पर या किसी महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान के दौरान आम की लकड़ी का उपयोग शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि आम की लकड़ी से हवन करने पर नए वर-वधू के जीवन में आने वाली समस्याएं और बाधाएं दूर हो जाती हैं।

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शास्त्रों में हवन

शास्त्रों के अनुसार, हवन के लिए आम की लकड़ी का उपयोग करना अत्यंत शुभ होता है। हवन में आम की लकड़ी के साथ धूप, देवदार की लकड़ी, कपूर, गुलाब की पंखुड़ियाँ, चंदन, अक्षत, लोबान, और फूल मिलाकर किया जाता है। हवन के दौरान, इन चीजों को अग्नि में डाला जाता है जिससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। 

वैज्ञानिक कारण

वैज्ञानिक अनुसंधानों के अनुसार, आम की लकड़ी अन्य लकड़ियों की तुलना में कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करती है। इसके अलावा, आम की लकड़ी जलने पर फार्मिक एल्डिहाइड गैस छोड़ती है, जो कई बैक्टीरिया और जीवाणुओं को नष्ट कर देती है। इस तरह, हवन के दौरान वातावरण की शुद्धता सुनिश्चित होती है। आम की लकड़ी के उपयोग से वातावरण में ताजगी और स्वच्छता बनी रहती है, जो कि धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

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आम की लकड़ी से हवन करने के फायदे

वातावरण की शुद्धता

आम की लकड़ी से हवन करने पर वातावरण में स्वाभाविक रूप से शुद्धता आती है, जिससे घर का वातावरण अधिक स्वच्छ और ताजगीपूर्ण रहता है। आम की लकड़ी जलने पर फार्मिक एल्डिहाइड गैस का उत्सर्जन करती है, जो बैक्टीरिया और जीवाणुओं को समाप्त करने में मदद करती है। इस प्रकार, आम की लकड़ी का हवन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से भी फायदेमंद है।

नकारात्मक शक्तियों का नाश

आम की लकड़ी का हवन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा और शक्तिया समाप्त हो जाती हैं, जिससे वातावरण में सकारात्मकता और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह प्रक्रिया घर में एक आध्यात्मिक सुरक्षा कवच तैयार करती है, जो समग्र शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है।

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मानसिक तनाव का नाश

हवन करने से मानसिक तनाव कम होता है और शांति का अहसास होता है, जिससे मनोवैज्ञानिक सुकून और संतुलन प्राप्त होता है। हवन की प्रक्रिया में प्रयुक्त आम की लकड़ी की सुगंध और जलने से उत्पन्न होने वाली गर्मी दिमाग को आराम देती है, जिससे मन की चिंता और तनाव कम होते हैं। इसके अतिरिक्त, हवन के दौरान मंत्रों और प्रार्थनाओं का जाप भी मानसिक शांति में योगदान करता है। यह आंतरिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति को जीवन की चुनौतियों का सामना करने में अधिक सक्षम बनाता है।

शिशु की सुरक्षा

घर में शिशु के जन्म के अवसर पर आम की लकड़ी से हवन कराने से शिशु ग्रह दोषों से सुरक्षित रहता है और उसकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हवन के दौरान उत्पन्न होने वाली सुगंध और ताजगी शिशु के लिए एक स्वच्छ और सकारात्मक वातावरण तैयार करती है, जो उसकी स्वस्थ वृद्धि और विकास में सहायक होती है। आम की लकड़ी से हवन करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है, जिससे शिशु को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा मिलती है। यह प्रथा शिशु के स्वस्थ जीवन की शुरुआत के लिए एक शुभ और लाभकारी कदम होती है।

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बैक्टीरिया का नाश

आम की लकड़ी से हवन करने पर विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं, जिससे घर का वातावरण साफ और स्वस्थ रहता है। आम की लकड़ी जलने के दौरान फार्मिक एल्डिहाइड गैस उत्सर्जित करती है, जो बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने में मदद करती है। इसके परिणामस्वरूप, हवन के बाद घर के भीतर एक स्वच्छ और रोगाणु-मुक्त माहौल बन जाता है, जो परिवार के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इस प्रकार, आम की लकड़ी से हवन न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है, बल्कि यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

आम की लकड़ी का हवन न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके वैज्ञानिक लाभ भी स्पष्ट हैं। इसके नियमित उपयोग से वातावरण और स्वास्थ्य दोनों में सुधार देखा जा सकता है। 


 

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