दिवाली की रात धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इससे पहले लोग मां के स्वागत के लिए अपने घर को अच्छी तरह से सजाते हैं और साफ- सफाई करते हैं ताकि मां प्रसन्न होकर घर पधारें। कहते हैं कि घर में गंदगी दिखे तो वहां से मां लक्ष्मी रूठकर चली जाती हैं औरक घर में उनकी बड़ी बहन अलक्ष्मी आ जाती है। जिनको नहीं पता हैं, बता दें अलक्ष्मी मां लक्ष्मी के बिल्कुल विपरीत हैं। चलिए आपको बताते हैं अलक्ष्मी के बारे में...
ये है कथा
पौराणिक कथाओं के हिसाब से समुद्र मंथन के दौरान महालक्ष्मी से पहली उनकी बड़ी बहन अलक्ष्मी निकली थी, हालांकि अलक्ष्मी को 14 रत्नों में नहीं गिना जाता है। अलक्ष्मी को ज्येष्ठ लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है और उनका रूप भी मां लक्ष्मी से बिल्कुल अलग है। माता से हमें जहां धन, वर, विजय, शौर्य और सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है, वहीं इसके उलट अलक्ष्मी कष्ट, क्लेश, ताप, दरिद्री, अपयश आदि की देवी बताई गई हैं। मान्यता है कि अलक्ष्मी की उत्पति के समय इन्हें किसी भी देवी या देवता ने नहीं अपनाया था और भगवान विष्णु के आदेश पर इन्होंने अपना वास ऐसे स्थान को बनाया, जहां पर लोग में लड़ते हो, जहां पर स्त्री का सम्मान न हो, जहां पर घर में माता और पिता का सम्मान न होता हो, जिस स्थान पर जुआ खेलना और लोग दारू पीते हों, वहां पर देवी अलक्ष्मी अपने साथ दरिद्रता और गरीबी लेकर आती हैं।
इन स्थानों पर होता है अलक्ष्मी का वास
पौराणिक कथाओं के अनुसार अलक्ष्मी का विवाह उद्दालक मुनि से हुआ था। शादी के उपरांत जब मुनि अलक्ष्मी को लेकर अपने आश्रम पहुंचे, तो उन्होंने आश्रम में प्रवेश करने से मना कर दिया। जब उन्होंने कारण पूछा तो उन्हें कहा गया कि यहां साफ- सफाई और शांति का माहौल है। वो उन स्थानों पर रह सकती है, जहां पर गंदगी होती है, जहां लोग हर वक्त आपस में लड़ते हैं जहां पर लोग अधर्म के रास्ते पर चलते हैं। साफ- सफाई वाले स्थान पर या जहां प्रतिदिन पूजा अर्चना होती है, उन स्थानों पर उनकी बहन अलक्ष्मी का वास होता है।
ये भूल करने से बचें
ज्योतिष एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिवाली की रात ही नहीं बल्कि हर दिन घर में साफ- सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी वहीं पर अपना आशीर्वाद देने आती हैं जहां पर गंदगी नहीं होती है। इसके अलावा घर में अच्छा माहौल भी होना चाहिए। जिन घरों में रोज लड़ाई- झगड़े होते हैं, वहां मां लक्ष्मी नहीं रुकती हैं।