कोरोना वायरस ने कई देशों को तेजी से अपनी चपेट में लिया। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। मगर भारतीयों द्वारा इस महामारी से निपटने के लिए किए गए प्रयास काफी सफल रहे। भारत के लोग इस वायरस से लड़ने की कोशिशें कर रहे हैं। ऐसे में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना से भारतीयों के लड़ने के प्रयासों की सराहना की है। जहां यूरोप और अमेरिका जैसे देशों ने इससे निपटने के लिए ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई वहीं भारत ने इसे काफी गंभीरता से लिया।
WHO के मुख्य प्रतिनिधि डॉ डेविड ने भारत की सराहना करते हुए भारत बंद यानी लॉकडाउन का समर्थन किया है। उनके मुताबिक भारत के उच्च तापमान और मलेरिया के कारण भारतीयों की इस वायरस से लड़ने की क्षमता काफी बेहतर है। ऐसे में भारतीय इस वायरस को अपने शरीर से जल्दी दूर कर सकते हैं।इसके साथ ही डॉ. नवारो ने मलेरिया प्रोन एरिया और बीसीजी के टीके से इस वायरस का असर कम होने के बारे में भी बताया। उन्होंने कोरोना से लड़ने लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए सख्त कदमों की तारीफ की। भले ही लॉकडाउन के चलते लोगों कै काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मगर उन्होंने कहा कि तकलीफ जितनी ज्यादा होगी, उससे उतनी ही जल्दी निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया ही इस संकट को झेल रही हैं। इसके साथ ही कोरोना को गंभीरता से लेने के लिए भारतीयों द्वारा उठाए गए कदमों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह वायरस शांति से प्रहार करने वाला है। ऐसे में भारतीय एक जुट होकर एक- दूसरे का साथ दे रहें हैं। यह काफी खुशी की बात है।
डॉ. नवारो ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय इस वायरस का मुकाबला करने में काफी सक्षम हैं। इसके साथ ही कोरोना के फैलते ही भारत सरकार ने विशेष कदम उठाए। पूरे भारत में लोगों को इस वायरस के प्रति जागरूक किया। इसके साथ ही संक्रमण और बचाव की जानकारी भी दी। वहीं दूसरे देशों में हर काम तेजी से नहीं किया गया। शायद उन देशों के लिए यह। गंभीर समस्या नहीं होगी। बात अगर अमेरिका की करें तो कितना मजबूत देश होने के बावजूद भी इस वायरस को संभाल नहीं पाया। मगर क्या भारत में ऐसी स्थिति बनती तो क्या भारत में तबाही का माहौल बन सकता था।
डॉ. नवारो ने भारत के लोगों को इसका मिलकर ही सामना करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हम सब खतरे में हैं। चाहे आज वे स्वस्थ हैं मगर कल इस वायरस के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में हमें अपनी फैमिली और कम्यूनिटी को इसकी चपेट में आने से बचाना होगा। अमेरिका और इटली में भारत से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं होने के बाद भी उन देशों की हालत आज चिंताजनक है। उन देशों में लोगों में इस वायरस के लक्षण मिलने पर भी उन्हें आइसोलेट नहीं किया गया। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए तेजी से एक्शन लेना बेहद जरूरी है। जैसे कि भारत के लोगों ने इसके प्रति अपनी प्रतिक्रिया दिखाई।