वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है। ऐसे में घर की सभी कमरे व चीजें उचित स्थान पर बनवानी व होनी चाहिए। उसी तरह बाथरूम को भी सही दिशा में बनवाना बेहद जरूरी है। नहीं तो घर में वास्तुदोष उत्पन्न हो सकता है। इससे सेहत खराब होने के साथ पैसों संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही घर में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। चलिए आज हम आपको घर में बाथरूम बनवाने संबंधी वास्तु टिप्स...
बाथरूम बनवाने की सही दिशा
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के बाथरूम को दक्षिण दिशा में बनवाना चाहिए। वहीं इसे ईशान कोण यानि घर की पूर्व और उत्तर के बीच में बनवाने की गलती ना करें। असल में, यह दिशा भगवान की मानी जाती है। ऐसे में इस दिशा में मल त्याग नहीं करना चाहिए। वहीं इस दिशा में टॉयलेट का होना वास्तुदोष पैदा कर सकता है। ऐसे में सेहत व पैसों से जुडी़ परेशानियां हो सकती है।
किचन के पास बाथरूम बनवाने से बचें
वास्तु के अनुसार, बाथरूम को किचन के पास बनवाने से बचना चाहिए। इससे वास्तुदोष पैदा हो सकता है। मगर आजकल जगह की कमी के चलते लोग इसे पास-पास बनवाते हैं। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि किचन और बाथरूम को एक साथ ईशान कोण ना बनवाएं।
बाथरूम में खिड़की बनवाने की सही दिशा
आमतौर पर लोग बाथरूम में खिड़की बनवाते हैं। ताकि हवा का संचार हो पाएं। मगर वास्तु के अनुसार, बाथरूम में लगी खिड़की हमेशा पूर्व दिशा की ओर खुलनी चाहिए। इसके विपरीत खिड़की दक्षिण या पश्चिम की ओर खुले तो यह वास्तुदोष का कारण बनती है। इससे जीवन व घर-परिवार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस दिशा में ना हो बाथरूम
घर की पश्चिमी दिशा पर बाथरूम बनवाने से बचना चाहिए। नहीं तो इससे घर का वास्तु खराब हो सकता है। इसके कारण पति-पत्नी में झगड़े, तनाव आदि कि स्थिति पैदा होने का खतरा रहता है।