थायराइड, पीसीओडी जैसी बड़ी प्रॉब्लम्स में यूरिक एसिड भी ऐसी समसया है जो अब आम ही सुनने को मिल रही है। महिला और पुरुष, दोनों को ही यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है और यह समस्या तब शुरू होती है जब यूरिक एसिड फिल्टर होकर यूरिन के रास्ते बाहर नहीं आता और क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में ही जमा होने लगता है। इसी के चलते जोड़ों में दर्द और पैरों में सूजन दिखने लगती है। अगर इसे कंट्रोल ना किया जाए तो यह गाउट यानि गठिया बन जाता है।
यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने का सीधा संबंध आपके खराब लाइफस्टाइल से है। आप अपनी डाइट में बहुत ज्यादा प्रोटीन ले रहे हैं और बाकी तत्वों की कमी हो रही है तो शरीर में इसका लेवल गड़बड़ा सकता है। जंक फूड खाने की आदत, घंटों एक पोजिशन में बैठे रहना, पानी कम पीना, फिजिकल एक्टिविटी ना करना यह सब अनहैल्दी चीजें इस रोग को बढ़ावा देती है।
इसके अलावा यूरिक एसिड बढ़ने के कारण
मेटाबॉलिज्म कम होना
गट हेल्थ कमजोर होना
हाई फैट फूड का सेवन
रात को हैवी भोजन खाना
लीवर कमजोर होना
बहुत ज्यादा नॉनवेज खाना
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के देसी रामबाण उपाय
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यूरिक एसिड का लेवल घरेलू तरीके से कंट्रोल में कर सकते हैं। इसके लिए गिलोय के पत्तों का इस्तेमाल करें। इससे ना तो आपको दवा की जरूरत पड़ेगी और ना ही आप यूरिक एसिड बढ़ने से परेशान होंगे। आप गिलोय का पानी उबाल कर पी सकते हैं।
अखरोट से कंट्रोल करें यूरिक एसिड
गिलोय के अलावा एक सूखा मेवा भी इसे कंट्रोल में रखेगा। अखरोट का सेवन करें। अखरोट में ओमेगा-3 भरपूर होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ विटामिन बी6, कॉपर, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। अखरोट में हैल्दी प्रोटीन भरपूर होता है जो घुटनों में जमे यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स को बाहर निकालने का काम करता है इसलिए अखरोट को डाइट में जरूर शामिल करें। दिन के 2 से 3 अखरोट खाने से आपको फायदा होगा। आप सलाद में डालकर, स्मूदी और शेक में डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। अगर अखरोट की तासीर गर्म लगती हैं तो आप इसे पानी में भिगोकर खा सकते हैं। इससे यूरिक एसिड तो कम होगा ही साथ ही में यह दिल और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे तनान कम होता है और इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है।
यूरिक एसिड का लेवल कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल को हैल्दी बनाए रखें।
30 से 45 मिनट हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
हाई प्रोटीन चीजें जैसे राजमाह, मटर, चने और छिलके वाली दालों का सेवन डिनर में ना करें।
इसके अलावा हरी सब्जी का हैल्दी जूस, नींबू का सेवन करें।
सूर्यास्त के बाद डिनर जल्दी करें। आप 8 बजे तक इसे कंप्लीट करें।
विटामिन सी भरपूर खट्टे फल खाएं जैसे जामुन, संतरा, नींबू, आंवला आदि।
8 से 10 गिलास भरपूर पानी पीएं।
8 घंटे की नींद लें।
मेटाबॉलिक रेट बढ़ाएं।
स्ट्रेस लेने से बचें। योग व मेडिटेशन का सहारा लें।
एल्कोहल का सेवन ना करें। ज्यादा नॉनवेज जैसे रेडमीट खाने से बचें।
याद रखिए यह रोग भी लाइफस्टाइल से जुड़ा है जब तक आप हैल्दी लाइफस्टाइल नहीं अपनाएंगे दवा भी असर नहीं दिखाएगी।