04 NOVMONDAY2024 11:59:46 PM
Nari

पति-पत्नी के रिश्ते में जरूरी है थोड़ी-सी समझदारी

  • Edited By Shiwani Singh,
  • Updated: 25 Nov, 2021 03:12 PM
पति-पत्नी के रिश्ते में जरूरी है थोड़ी-सी समझदारी

पौधे की वृद्धि के लिए जिस प्रकार खाद, हवा व पानी की आवश्यकता होती है उसी प्रकार दाम्पत्य जीवन की खुशहाली के लिए स्नेह व प्यार की। विवाह के प्रारंभिक दिनों में पति-पत्नी अपने स्वप्निल संसार में खोए रहते हैं। तब हर क्षण उन्हें रोमानी प्रतीत होता है परंतु यथार्थ की जमीन से टकराते ही यह खुशगवार, खुशनुमा व हसीन लम्हे जीवन की समस्याओं में उलझकर रह जाते हैं और पति-पत्नी का रिश्ता संबंध निर्वाह का रिश्ता बनकर रह जाता है।

विवाह के कुछ वर्ष पश्चात बढ़ती जिम्मेदारियां, बच्चों का आगमन व रोजमर्रा की उलझनें, पति-पत्नी के बीच परोक्ष रूप से एक दूरी-सी बनाते चलते हैं। इससे उनकी दिनचर्या से मधुर क्षणों का खजाना धीरे-धीरे खाली होता जाता है। गुजरे समय के साथ खुशहाल घर में दिन-ब-दिन नीरसता व बोझिलता की दस्तक बढ़ती जाती है और पति-पत्नी एक अनचाही ऊब से घिर जाते हैं। ऐसी स्थिति में निजी क्षणों में भी न तो उतनी अंतरंगता रह पाती है और न ही उत्साह। फिर भी आप चाहें तो विवाह के प्रारंभिक दिनों जैसी उमंग एवं उत्साह बरकरार रख सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि आप घर की कठिनाइयों को स्वयं पर हावी न होने दें, अन्यथा आपका अस्तित्व घर गृहस्थी की कठिनाइयों में ही खोकर रह जाएगा।

एक-दूसरें के काम को समझें 

PunjabKesari

यदि कुछ दिनों के लिए पत्नी घर के प्रति थोड़ी लापरवाह और पति के प्रति कुछ अधिक स्नेहभिभूत रहे तो हो ही नहीं सकता कि पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन में नीरसता आए। यदि पति अधिक व्यस्त है तो पत्नी का दायित्व बन जाता है कि उसके कार्यों को पूरा सहयोग दे और व्यस्तताओं तथा चिंताओं के प्रति सच्ची सहानुभूति रखे और पति को चिंतामुक्त करने के लिए कुछ क्षण ऐसे निकाले जो नितांत 'अपने' हो।

उपहार देना भी जरूरी 

PunjabKesari

अपने कार्य व्यापार की व्यस्तताओं के बावजूद जब आपके पति आपके जन्मदिन पर उपहार लाकर आपको चौंका देना चाहें तो उन्हें अवश्य मौका दीजिए। इन बातों को पति फैशन या दिखावा कहकर टालते हैं तो वे एक-दूसरे की भावनाओं के साथ चाहे-अनचाहे ही सही खिलवाड़ कर रहे हैं।

एक-दूसरें को दें वक्त

PunjabKesari

जीवन में व्यस्तता भी जरूरी है परंतु व्यस्तताओं के बीच उलझे मस्तिष्क के लिए किसी की प्यार भरी पलकों की छांव भी उतनी ही जरूरी है। विवाह के कुछ समय बाद दम्पति घर व बच्चों के दो पाटों के बीच पिस से जाते हैं। अपने लिए सोचने का उनके पास वक्त नहीं होता। कभी बच्चे छोटे हैं, बड़े हुए तो पढ़ाई, कम नंबर की सिरदर्दी और फिर ऊंची शिक्षा दिलाने के लिए मोटी रकम की जरूरत। उसके बाद उन्हें नौकरी पर लगाने की चिंता अर्थात उनके निजी पल बिल्कुल छिन से जाते हैं।

परेशानियों में खुश रहना सीखें

PunjabKesari

तमाम झंझटों व उलझनों के बीच पति-पत्नी का आमना-सामना एक बेहद चिड़चिड़े व खिन्न व्यक्तियों के रूप में होता है, तब वे अपनी दिन भर की थकान व हताशा का गुबार एक-दूसरे पर ही उतारते हैं। परंतु यह भी नहीं भूलना चाहिए कि ज़िदगी ज़िदादिली का नाम है। जिस प्रकार तपाने से सोने में निखार आता है उसी प्रकार कठिनाइयां भी जीवन को गति देती हैं, व्यक्ति को कर्मठ बनाती हैं। पूरी तरह से कठिनाइयों में उलझकर रहने से जीवन एक जटिल पहेली बनकर रह जाएगा। इसलिए जीवन में उन्हीं को महत्व न देकर खुश रहना सीखें।

Related News