नारी डेस्क: माना जाता है कि भागवान के लिए सब भक्त एक बराबर होते हैं, पर ये बात इंसान को कौन समझाए। अकसर मंदिरों में वीआईपी और आम भक्तों के बीच भेदभाव देखने को मिल ही जाता है। इन दिनों मुंबई में लालबागचा राजा के पंडाल में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। टीवी एक्ट्रेस सिमरन बुधरूप भी इसकी गवाह बनी है, उनके साथ जो हुआ वह ठीक नहीं था।
दरअसल सिमरन बुधरूप भी बाकी सेलेब्स की तरह अपनी मां के साथ बप्पा के दर्शन करने पहुंचीं, जब वह कतार में खड़ी होकर फोटो खींच रही थीं, तो स्टाफ के सदस्यों ने उनकी मां का फोन छीन लिया। जब सिमरन ने बीच-बचाव किया तो लेडी बाउंसर्स ने उनसे बदतमीजी की। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई जिसे एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
सिमरन ने जो वीडियो पोस्ट किए हैं, उनमें उन्हें चिल्लाते हुए सुना जा सकता है, 'मत करो! क्या कर रहे हो आप?' स्थिति तब जाकर शांत हुई, जब कर्मचारियों को पता चला कि वो एक्ट्रेस हैं और वे पीछे हट गए। यानी कि उनकी जगह कोई आम इंसान होता तो क्या होता। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या बप्पा सिर्फ वीआईपी भक्तों के ही हैं।
इसी बीच उद्योगपति हर्ष गोयनका ने भी लालबागचा राजा पंडाल का एक वीडियो शेयर कर दोनों तरह के भक्तों के प्रति हो रहे बर्ताव के अंतर को बताने की कोशिश की ह। उन्होंने लिखा- “कभी सोचा है कि लोग लालबागचा राजा में वीआईपी दर्शन क्यों चुनते हैं?, ऐसा इसलिए है क्योंकि आम भक्त को अक्सर लंबे इंतजार और भीड़ का सामना करना पड़ता है, जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है, सुरक्षा और कर्मचारियों को जबरदस्ती गेट बंद करते देखा जा सकता है, जबकि भक्त अंदर जाने के लिए संघर्ष करते हैं.”।
पंडाल के एक और वीडियो में भक्त बप्पा के दर्शन के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। भगदड़ जैसी स्थिति में लाेगों की हालत बेहद ही खराब दिख रही है। वहीं दूसरी तरफ वीआईपी भक्त गणेश मूर्ति के सामने तस्वीरों के लिए पोज दे रहे हैं, उनके लिए किसी तरह की जल्दबाजी नहीं की जा रही। अब लोग इस भेदभाव को लेकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।