नारी डेस्क: फैटी लिवर एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। यह अधिकतर मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और खराब जीवनशैली से जुड़ा होता है, जो लिवर सिरोसिस, फेलियर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। लेकिन सही समय पर ध्यान देकर और Natural उपायों को अपनाकर इस समस्या को Control किया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे हल्दी के नियमित सेवन से फैटी लिवर की समस्या को दूर किया जा सकता है और लिवर की सेहत में सुधार लाया जा सकता है।
यहां हम आपको हल्दी के उपयोग से फैटी लिवर को ठीक करने के उपाय के बारे में बताएंगे, जिसे अपनाने से लिवर की सेहत में सुधार हो सकता है। साथ ही, इसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना भी ज़रूरी है।
फैटी लिवर क्या है?
फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर का 5% से अधिक हिस्सा फैट से भर जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर अत्यधिक शराब के सेवन से होता है।नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर यह अधिकतर मोटापा, डायबिटीज और खराब जीवनशैली के कारण होता है।
फैटी लिवर का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह लिवर की गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है।
हल्दी कैसे है फायदेमंद?
हल्दी में कर्क्यूमिन नामक एक शक्तिशाली घटक पाया जाता है, जो लिवर की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर की सूजन को कम करते हैं और इसे स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, जबकि इसके एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाकर विषाक्त पदार्थों की सफाई करते हैं। हल्दी लिवर को डिटॉक्सिफाई करने के साथ-साथ अतिरिक्त फैट को भी कम करती है, जिससे फैटी लिवर की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा, हल्दी का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, वजन घटाने में सहायक होता है, और मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाकर लिवर पर पड़ने वाले दबाव को भी कम करता है।
किस प्रकार की हल्दी का उपयोग करें?
रसोई में इस्तेमाल होने वाली हल्दी से कुछ लाभ मिलते हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हो सकती, क्योंकि उसमें कर्क्यूमिन की मात्रा कम होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लाकडोंग हल्दी का उपयोग अधिक फायदेमंद है, जो मेघालय के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। इस हल्दी में कर्क्यूमिन की मात्रा सामान्य हल्दी से कई गुना अधिक होती है, जिससे यह फैटी लिवर की समस्या के उपचार में अधिक कारगर साबित होती है।
अगर लाकडोंग हल्दी उपलब्ध न हो, तो आप सामान्य हल्दी का भी अधिक मात्रा में उपयोग कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
हल्दी का उपयोग कैसे करें?
1. हल्दी वाला दूध एक गिलास गर्म दूध में आधी चम्मच हल्दी मिलाकर रोज़ रात को सोने से पहले पिएं। यह लिवर की सफाई करने और फैट को कम करने में मदद करेगा।
2. हल्दी का काढ़ा पानी में लाकडोंग हल्दी, अदरक, शहद और काली मिर्च डालकर उबाल लें। इस काढ़े को रोज़ाना पीने से लिवर की सेहत में सुधार होगा।
3. खाने में हल्दी का इस्तेमाल रोज़ के भोजन में हल्दी को अधिक मात्रा में शामिल करें। हल्दी का सेवन न सिर्फ स्वाद को बढ़ाएगा बल्कि लिवर की सेहत के लिए भी लाभदायक होगा।
4. हल्दी और शहद का मिश्रण एक चम्मच हल्दी पाउडर में शहद मिलाकर खाली पेट लें। यह मिश्रण लिवर को स्वस्थ रखने और शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मददगार है।
5. हल्दी सप्लीमेंट्स अगर आपको हल्दी का स्वाद पसंद नहीं है या आप इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप डॉक्टर की सलाह से हल्दी सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। बाजार में कर्क्यूमिन की उच्च मात्रा वाले सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं।
इसके अलावा ध्यान रखने योग्य बातें
शराब और तली,भुनी चीज़ों से बचें फैटी लिवर की समस्या को बढ़ाने में ये प्रमुख कारक होते हैं, इसलिए इनसे दूरी बनाना आवश्यक है।नियमित व्यायाम करेंयोग, प्राणायाम और कार्डियो व्यायाम लिवर की सेहत में सुधार करने में मदद करते हैं। संतुलित आहार लें हरी सब्जियों, फलों और फाइबर युक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें।
हल्दी, विशेषकर लाकडोंग हल्दी, लिवर के लिए एक प्राकृतिक औषधि के रूप में काम कर सकती है। इसका नियमित सेवन लिवर को तंदुरुस्त रखने और फैटी लिवर जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है। लेकिन, हल्दी का सेवन शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
इस तरह के सरल उपायों से आप लिवर की सेहत को बेहतर बना सकते हैं और गंभीर बीमारियों से बचे रह सकते हैं।