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नकली पैर दिखाने पर हाेता है दुख...एयरपोर्ट चेकिंग  से परेशान होकर सुधा चंद्रन ने पीएम से मांगी मदद

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Oct, 2021 05:26 PM
नकली पैर दिखाने पर हाेता है दुख...एयरपोर्ट चेकिंग  से परेशान होकर सुधा चंद्रन ने पीएम से मांगी मदद

अभिनेत्री और मशहूर भरतनाट्यम डांसर  सुधा चंद्रन का दर्द छलका जब हवाई अड्डों में उन्हे अपमानित होना पड़ा। वह बार- बार आर्टिफिशियल लिंब उतरवाकर चेकिंग कराने से इस कदर परेशान हुई कि उन्होंने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृत्रिम अंगों वाले लोगों को एक विशेष कार्ड मुहैया कराने की अपील कर डाली।  सुधा की इस शिकायत के बाद से सीआईएसएफ के एक आधिकारिक ने अब उनसे माफी मांगी है। 

56 वर्षीय अभिनेत्री ने वीरवार शाम को अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि-  वह जब भी हवाई यात्रा करती हैं, तो वहां पर जांच के कारण होनी वाली मुश्किलों से बहुत आहत होती हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि- मैं हर बार अत्यंत दुखदायी इस जांच से गुजरकर बहुत आहत होती हूं... उम्मीद है कि मेरा संदेश राज्य और केंद्र सरकारों तक पहुंचेगा... और मैं इस मामले में तत्काल कदम उठाए जाने की अपेक्षा करती हूं।

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हवाई अड्डे पर बनाए गए इस वीडियो में चंद्रन ने अपना परिचय देते हुए कहा कि-  ‘‘मेरा नाम सुधा चंद्रन है, मैं पेशे से अभिनेत्री और डांसर  हूं, जिसने एक कृत्रिम अंग के साथ नृत्य किया है और इतिहास रचा है तथा अपने देश को गौरवान्वित किया है। चंद्रन ने कहा कि उन्होंने हवाई अड्डा प्रशासन से कई बार अनुरोध किया है, वे उनके कृत्रिम पैर की ‘ईटीडी’ (विस्फोटकों का पता लगाने वाले उपकरण) से जांच करें, लेकिन वे हर बार उन्हें इसे निकालने के लिए कहते हैं।

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अभिनेत्री ने वीडियो में कहा कि- जब भी मैं पेशेवर यात्राओं पर जाती हूं, तो हर बार मुझे हवाई अड्डे पर रोका जाता है। मैं सुरक्षाकर्मियों से, सीआईएसएफ अधिकारियों से अनुरोध करती हूं कि कृपया मेरे कृत्रिम अंग की ईटीडी जांच करें, तब भी वे चाहते हैं कि मैं अपना कृत्रिम अंग निकालूं और उन्हें दिखाऊं। क्या यह मानवीय रूप से संभव है मोदी जी? चंद्रन ने वीडियो में कहा, ‘‘मोदी जी मेरा आपसे अनुरोध है कि वरिष्ठ नागरिकों की तरह हमें भी एक कार्ड दिया जाए।’’

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इस वीडियो के बाद सीआईएसएफ के एक आधिकारिक ने ट्वीट कर लिखा- सुधा चंद्रन को हुई असुविधा के लिए हमें अत्यंद खेद है। प्रोटोकॉल के अनुसार विशेष परिस्थितियों में ही सुरक्षा जांच के लिए प्रोस्थेटिक्स को हटाया जाता है'। हम जांच करेंगे कि संबंधित महिला कर्मियों ने सुश्री सुधा चंद्रन से प्रोस्ठेटिक्स को हटाने का अनुरोध क्यों किया?

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दरअसल चंद्रन ने 1981 में 16 वर्ष की आयु में अपना एक पैर गंवा दिया था। वह एक हादसे में घायल हो गई थीं, जिसके बाद चिकित्सकों को उनका पैर काटना पड़ा था। बाद में एक कृत्रिम ‘जयपुर फुट’ की मदद से उन्होंने चलना शुरू किया। उसके बाद से वह एक पेशेवर डांसर के तौर पर प्रस्तुतियां देने के साथ-साथ फिल्मों और टेलीविजन कार्यक्रमों में अभिनय कर रही हैं।
 

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