बरसाती मौसम में सिर्फ सर्दी-खांसी, वायरल फीवर ही नहीं बल्कि महिलाओं में वैजाइना इंफैक्शन की समस्या भी काफी देखने को मिलती है। हालांकि प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई ना रखने से भी इंफेक्शन हो सकती है। अगर इंफेक्शन यूट्रस तक पहुंच जाए तो यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। ऐसे में महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतनें की जरूरत होती है।
मानसून में वैजाइना इंफेक्शन का खतरा क्यों?
दरअसल, मानसून के दौरान वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं। यही वजह है कि इस मौसम में वैजाइना इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है।
वैजाइना इंफैक्शन के लक्षण
. गाढ़ा-बदबूदार डिस्चार्ज
. वैजाइना में खुजली, जलन
. लाल रंग के रैशेज पड़ना
. समस्या बढ़ने पर त्वचा में सूजन व छिलने-कटने के निशान
इंफेक्शन से बचने के लिए ध्यान में रखें ये बातें
. मौसम चाहे कोई भी हो हमेशा कॉटन की पैंटी ही पहनें। सिंथेटिक अंडरवियर पहनने से बचें क्योंकि यह जलन, रैशेज का कारण बन सकता है।
. बारीश के मौसम में कम से कम दिन में 2 बार पैंटी बदलें।
. प्यूबिक हेयर को समय-समय पर साफ करते रहें।
. बहुत अधिक टाइट कपड़े भी इंफैक्शन का कारण बन सकते हैं क्योंकि इससे हवा ना पहुंच पाने के कारण नमी बनी रहती है। इसलिए हमेशा हल्के कपड़े पहनें।
. पीरियड्स के दौरान हर 3 से 4 घंटे बाद पैड बदलें
. दिनभर में कम से कम 8-9 गिलास पानी जरूर पीएं।
. जिम या स्विमिंग के बाद तुरंत कपड़ों को बदलें
सही साबुन का इस्तेमाल
योनि शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा है इसलिए यहां किसी भी चीज का इस्तेमाल करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह लें। कठोर साबुन यूज करने से बचें। इससे पीएच स्तर असंतुलित हो जाता है, जिससे बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है।
सही आहार भी है जरूरी
वैजाइना की साफ-सफाई के साथ सही आहार लेना भी बेहद जरूरी है इसलिए डाइट में विटामिन्स व मिनरल्स से भरपूर चीजें शामिल करें। सब्जियां, फल, नट्स, साबुत अनाज, अंडे, दही, दूध, बीन्स, राजमा अधिक खाएं। जंक, फ्राइड व मसालेदार भोजन से परहेज करें।
अब जानिए वैजाइना में इंफैक्शन को दूर करने के कुछ घरेलू नुस्खे...
1. एक लीटर पानी में 3 बड़े चम्मच सेब का सिरका मिक्स करें और योनि की सफाई करें।
2. नहाने के पानी टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिक्स करें। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण वैजाइना इंफैक्शन को दूर करेंगे।
3. नारियल तेल या एलोवेरा जेल लगाने से भी राहत मिलेगी।
4. नीम की पत्तियों को उबालकर योनि की सफाई करें। नीम में मौजूद एंटी फंगल गुण शरीर में पनप रहे बैक्टीरिया को रोकने में मददगार है।
5. गेंदे के पत्तों को हल्का-सा पीसकर प्रभावित एरिया पर लगाएं। दिन में 2-3 बार ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी।
अगर 3-4 दिनों में खुलजी, जलन या रैशज कम ना हो तो तुरंत अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। लापरवाही आपके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है इसलिए सावधान रहें। सेहत से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए "नारी केसरी" से जुड़े रहें।