घर में जब न्यूबॉर्न बेबी आता है तो पेरेंट्स उसकी हर छोटी सी छोटी एक्टिविटी सेलिब्रेट करते हैं। हर महीने उसका केक काटते हैं, फोटोशूट करवाते हैं ताकि 1 साल की उम्र तक आते तक पता चल सके कि बच्चे की जीवन में क्या-क्या बदलाव आए हैं। जब नवजात बच्चा अपने नाम पर पहली बार कोई रिएक्शन देता है तो वह पल भी माता-पिता के लिए बहुत खास होता है। इसके अलावा जब शिशु पहली बार दांत निकाले तो पेरेंट्स के लिए यह पल भी बहुत यादगार होता है लेकिन इस दौरान बच्चों में कई तरह के बदलाव होते हैं। दांत निकालने के दौरान बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं क्योंकि उन्हें बहुत ज्यादा दर्द होता है। इसके अलावा बच्चों को बुखार भी होता है। बच्चों की यह हालत देख पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं ऐसे में आज आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं जिनके जरिए आप बच्चे के दांत में होने वाला दर्द कम कर सकते हैं।
ठंडा रुमाल लगाएं
एक्सपर्ट्स की मानें तो जब बच्चे दांत निकालते हैं तो उनके मसूड़े फूलने लगते हैं जिसके कारण उन्हें दर्द होता है और वह चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे में उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए आप एक साफ रुमाल पानी में भिगोकर जिपलॉक बैग में डालकर फ्रिजर में रख दें। फिर जब रुमाल ठंडा हो जाए तो उसे अपने हाथों पर लपेट लें। इसके बाद बच्चे की मसूड़ों को हल्का दबाते हुए मसाज करें। इससे उनका दर्द भी कम होगा और सूजन भी दूर होने लगेगी।
पेरासिटामोल दें
यदि बच्चा बहुत ज्यादा दर्द में रोता है तो डॉक्टर की सलाह पर आप उन्हें पेरासिटामोल की कुछ बूंदे दे सकते हैं। इससे उन्हें दर्द से राहत मिलेगी और नींद भी आएगी। कई बार बच्चा दर्द के कारण सो भी नहीं पाते ऐसे में वह अगले दिन चिड़चिड़े रहते हैं। बच्चों के दांत में होने वाला दर्द 3-4 हफ्ते तक रहने के बाद खुद ठीक होने लगता है।
ये समस्याएं भी हो सकती हैं
. दांत निकालते हुए बच्चों के मसूड़ों में सूजन हो जाती है जिसके कारण वह बहुत ही अकंफर्टेबल महसूस करते हैं।
. इस दौरान उनका कुछ न कुछ चबाने का मन करता है इसलिए वह किसी भी चीज को चबाने लगते हैं। ऐसे में आप उनका ध्यान रखें।
. दांत निकालते हुए बच्चों को बुखार और दस्त भी हो सकते हैं ऐसे में उनकी डाइट का ध्यान रखें।
. दांत निकालते हुए बच्चे रात में भी कई बार उठते हैं जिसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं होती और वह चिड़चिड़े हो सकते हैं।
नोट: दांत निकालने के दौरान बच्चों को यह समस्याें हो सकती हैं परंतु यदि परेशानी बढ़ती है या बच्चों को इन उपायों से राहत नहीं मिलती तो आप डॉक्टर से संपर्क जरुर करें।