नारी डेस्क: ब्रेन स्ट्रोक, जिसे दिमाग का दौरा भी कहते हैं, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिसके कारण वे क्षतिग्रस्त हो सकती हैं या मर भी सकती हैं। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है, इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना और समय पर उपचार कराना बहुत जरूरी है।
अगर कोई व्यक्ति अचानक सिर में दर्द, चेहरे या शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता या कमजोरी, बोलने में दिक्कत, या दृष्टि में धुंधलापन महसूस करता है, तो यह ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण
चेहरे, बांह, या पैर में सुन्नता या कमजोरी: विशेष रूप से शरीर के एक तरफ। यह चेहरे के एक तरफ मुस्कुराने में कठिनाई, एक बांह को उठाने में परेशानी, या पैर घसीटने जैसा हो सकता है।
बोलने या समझने में परेशानी: अचानक बोलने में कठिनाई, धीमा बोलना, या साफ न बोल पाना, और दूसरों की बातों को समझने में परेशानी होना।
दृष्टि में समस्या: एक या दोनों आंखों में धुंधलापन या साफ दिखाई न देना।
चक्कर आना: अचानक गिरना, संतुलन खोना, या समन्वय में गड़बड़ी।
तेज सिरदर्द: बिना किसी स्पष्ट कारण के तेज और लगातार सिरदर्द।
भ्रम या चेतना का स्तर कम होना।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण
ब्लड क्लॉट: ब्रेन में रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर: रक्तचाप के उच्च स्तर से स्ट्रोक का खतरा होता है।
डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रोल।
धूम्रपान और शराब का सेवन।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी।
ब्रेन स्ट्रोक से बचने के उपाय
स्वस्थ आहार लें: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें। नमक, ट्रांस वसा और शुगर का सेवन कम करें।
धूम्रपान और शराब से बचें।
तनाव कम करें: योग, ध्यान, या गहरी सांस लेने की गतिविधियों का अभ्यास करें।
वजन नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखें।
नियमित व्यायाम करें: रोजाना एक्सरसाइज, योग, या वॉकिंग करें।
यह जानकारी जागरूकता बढ़ाने के लिए है और किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।