शनिदेव को न्याय की मूर्ति माना जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, शनिदेव के गुस्से से भगवान शिव भी नहीं बच पाए थे। भगवान शनि की साढ़ेसाती और शनि ढैय्या को बहुत ही कष्टकारी माना जाता है। शनिदेव अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार, ही फल देते हैं। उन्हें न्याय का देवता और कर्मफलदाता भी कहते हैं। इस शनिवार यानि की 14 मई को एक विशेष संयोग बन रहा है जिसके दौरान यदि शनि देव की पूजा विधि-विधान से की जाए तो उनकी कृपा दृष्टि इन राशियों पर बनी रहेगी।
शनिवार को करें भगवान शनिदेव की पूजा
हिंदू पंचांगों के मुताबिक, 14 मई यानि की इस शनिवार को वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। चित्रा नक्षत्र होगा। इस दिन सुबह 6 बजकर 13 मिनट (6:13) में चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे और उसके बाद तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 14 मई को ही शनि प्रदोष व्रत का भी संयोग बन रहा है।
14 मई को बन रहा है सिद्धि योग
शनिवार को 14 मई के दिन सिद्धि योग बन रहा है। शास्त्रों के मुताबिक, इस योग में कोई भी काम किया जाए तो व्यक्ति को सफलता मिलती है। शास्त्रों में इस योग को बहुत ही लाभकारी माना गया है। इसके संयोग के दौरान शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति के सारे मनोरथ पूरे हो जाएंगे।
कौन सी राशियों पर रहेगी कृपा
कर्क राशि
शनि की राशि के बदलाव के कारण 29 अप्रैल 2022 को ही कर्क राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरु हो चुकी है। इस दौरान कर्क राशि के जातकों को शादीशुदा जिंदगी, स्वास्थ्य और पैसे की मामलों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कर्क राशि के जातकों का बहुत ही पैसा खर्च होगा। इस समय आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
वृश्चिक
इसा राशि के जातक भी 29 अप्रैल से शनि ढैय्या से प्रताड़ित हैं। इस राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं। इस दौरान जातकों में गुस्सा बढ़ सकता है। कई गलत फैसले भी ले सकते हैं। बनाई हुई योजनाएं भी असफल हो सकती हैं। पैसे की मामली में थोड़ी सावधानी के साथ ही चलें। पार्टनर की अच्छे से केयर करें। किसी भी तरह की लड़ाई-झगड़े से बचें। आप इस शनिवार को शनिदेव की पूजा जरुर करें। इससे आपके कष्टों का निवारण होगा।