पहली बार मां बनने वाली महिलाएं अपने इस अनोखे अनुभव को लेकर उत्सुक रहती हैं। गर्भावस्था के पूरे 9 महीने हर महिला के लिए रोमांचक और परेशानी भरे हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक-एक दिन के साथ जहां महिला एक नन्हीं जान आने का इंतजार करती हैं वहीं इस समय उनका शरीर बहुत सारे बदलावों से गुजरता है। इस दौरान महिलाओं को शारीरिक के साथ कई भावनात्मक और मानसिक बदलावों से भी गुजरना पड़ता है। चलिए आज हम बताते हैं गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं, जिसे लेकर आपको घबराना नहीं चाहिए...
निपल्स और ब्रेस्ट में बदलाव
जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता है, वैसे-वैसे महिलाओं के ब्रेस्ट व निपल्स का साइज भी कुछ बढ़ जाता है। ऐसा फिजिकल एक्टिविटी की कमी और हार्मोनल चेंजेंस की वजह से हो सकता है। ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं।
यूरिन लीक होना
प्रेगनेंसी में कई बार खांसने व छींकने समय यूरिन बिना कंट्रोल किए लीक हो जाता है। ऐसा में शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं क्योंकि इसका कारण बायॉलजिकल चेंजेस हो सकते है।
त्वचा पर पिगमेंटेशन
गर्भावस्था में शरीर के कुछ अंगों पर पिगमेंटेशन यानि कालापन हो जाता है। इसका एक कारण हार्मोनल बदलाव हो सकता है। इसमें आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
वैरिकोज वेन्स
प्रेग्नेंसी के करीब 10वें हफ्ते में पैरों, हाथों की नसें नीली और उभरी हुई दिखने लगती हैं। इसके अलावा कई बाद पेट का आकार बढ़ने व त्वचा खिंचने से उस हिस्से पर स्ट्रैच मार्क्स या निशान भी बन जाते हैं। ध्यान रखें कि इसपर खुजली ना करें क्योंकि इससे निशान हमेशा के लिए रह जाएंगे।
पेट पर काली लकीर
प्रेगनेंसी के 17वें हफ्ते में पेट के बीचों-बीच नाभि के नीचे तक एक काली लकीर आ जाती है, जिसे लिनिया निग्रा कहा जाता है। यह पेट की त्वचा के फैलने की वजह से बनती है। इससे परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि ये डिलीवरी के बाद खुद ब खुद गायब हो जाती है।
रूखी त्वचा और आंखों में खुजली
प्रेगनेंसी के आखिरी हफ्ते में स्किन, आंखों, हथेलियों में रुखापन व खुजली की समस्या भी होने लगती है। इसके लिए अच्छे मॉइश्चराइज व आंखों के लिए आईड्राप का यूज करें।