करवा चौथ व्रत का स्त्रियों का सबसे प्रिय व्रत है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अटल सुहाग, पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं मंगल कामनाओं के लिए व्रत करती हैं। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। तभी तो ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलायें करवा चौथ का व्रत बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं। लेकिन करवा चौथ का व्रत रखने से पहले जान लें कि किन-किन महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए , जिससे इसका खंडन ना हो।
तनाव भरे माहौल में ना रखें व्रत
वैसे तो बदलते समय के साथ अब सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुष भी अपनी पत्नियों के लिए करवा चौथ का व्रत रखने लगे हैं। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है और वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है। लेकिन अगर पति -पत्नी के बीच अनबन चल रही है या काफी समय से एक दूसरे से अलग रह रहे हैं तो व्रत ना रखें। क्योंकि तनाव भरे माहौल में व्रत पूरा नहीं हो सकता। पहने अपने रिश्तो को ठीक करें और फिर शुद्ध होकर व्रत रखें।
अविवाहित ना रखें व्रत
वैसे तो कहा जाता है कि कुंवारी लड़कियां और ऐसी लड़कियां जिनका विवाह तय हो गया है वह भी व्रत रख सकती हैं। अविवाहित लड़कियों को भी व्रत का पालन सामान्य नियामनुसार ही करना होता है। लेकिन अगर आप अपने पार्टनर के साथ बिना शादी के लिव इन रिलेशनशिप में रह रही हैं तो इस व्रत को ना रखें। शास्त्रों की मानें तो बिना शादी की रस्मों के किए गए व्रत का कोई लाभ नहीं होता है।
किसी और को पसंद करती हैं तो ना रखें व्रत
पति के साथ रहते हुए यदि किसी महिला का किसी पराये मर्द के साथ कोई रिश्ता है तो वह भी इस व्रत को रखने से बचें। क्योंकि ऐसा करने से उनके जीवन में ग्रहण लग सकता है। व्रत के दौरान रात में चांद का दीदार करने और छलनी से पति का चेहरा देखने के बाद ही महिलाएं यह व्रत तोड़ती हैं। लंकिन अगर आपके मन में कोई और है तो यह सब करने का कोई लाभ नहीं होगा