कोरोना महामारी के बाद बच्चों की पढ़ाई पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। बीमारी के चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है, जिसकी वजह से उन्हें स्क्रीन पर अधिक समय बिताना पड़ रहा है। वहीं, लॉकडाउन में बच्चे टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट और मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का यूज भी अधिक करने लगे हैं। शोध की मानें तो स्क्रीन टाइम बच्चों के दिमाग और शरीर को खराब कर रहा है।
महामारी में बढ़ा बच्चों का स्क्रीन टाइम
महामारी के दौरान माता-पिता, चिकित्सक और शोधकर्ता की राय सुकून देने वाला और भ्रमित करने वाला दोनों हो सकता है। दरअसल, कुछ का मानना है कि स्क्रीन टाइम या तकनीक बच्चों के लिए अच्छी हो सकती है जबकि कुछ इसे सेहत के लिहाज से खराब भी मानते हैं। हालांकि यह निर्भर करता है कि बच्चा कैसे, कब और कितने समय के सिए स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहा है। माता-पिता और शोधकर्ताओं ने स्वीकार किया कि यह हमेशा स्पष्ट नहीं होता है कि स्क्रीन वाले बच्चों के लिए "स्वस्थ संतुलन" क्या है।
फायदा भी पहुंचा सकती है स्क्रीन
शोधकर्ता का कहना है कि कभी-कभी डिजिटल मीडिया या तकनीक छोटे बच्चों को रचनात्मक और गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करती है, जैसे कि शिकार पर जाना या ऑनस्क्रीन संकेतों से ड्रेस-अप होना आदि। जरूर नहीं कि वीडियो देखने जैसी अधिक निष्क्रिय गतिविधियां सभी खराब हो।
आंखों पर पड़ सकता है असर
शोध के मुताबिक, महामारी के दौरान 19% बच्चों में नजर संबंधी समस्याएं देखने को मिली। इलेक्ट्रॉनिक गैजट्स का अधिक इस्तेमाल, एक से दूसरी पर स्क्रीन तुरंत स्विच करने से बच्चों की आंखों पर असर पड़ रहा है। यही नहीं इससे बच्चों को मानसिक समस्याएं भी झेलनी पड़ सकती हैं।
बच्चों पर निगरानी रखना जरूरी
हां, अगर आप इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि बच्चे ऑनलाइन क्या करते हैं तो उन्हें इंटरनेट के कुछ बुरे कोने मिल सकते हैं। अगर बच्चे सावधानी से डिजिटल दुनिया में कदम रखते हैं तो माता-पिता को चिंता नहीं करनी चाहिए।
कैसे करें बच्चे के स्क्रीन टाइम को मैनेंज?
. ऑनलाइन क्लासेज के लिए बच्चे पढ़ रहे हैं तो उन्हें उचित दूरी बनाकर रखने के लिए कहें।
. टीवी-कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजट्स यूज करने का समय निर्धारित करें।
. बच्चों को बीच-बीच में पानी के छिंटे मारने के लिए कहें।
. ऑउटडोर गेम्स के लिए प्रेरित करें।
. बेड टाइम पर मोबाइल की बजाए किताबें पढ़ने के लिए कहें या आप कहानी सुनाएं।
. उनकी डाइट में हैल्दी चीजें शामिल करें, जिससे आंखों की रोशनी बढ़े और वो मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहें।
. बच्चों की इंटरनेट एक्टिविटी पर नजर रखें।