नारी डेस्क: अकसर देखा जाता है कि घर में दूसरा बच्चा आने के बाद पहला बच्चा उदास हो जाता है। क्योंकि दूसरे के आने से उसे मिलने वाला समय और प्यार बंट जाता है। कई बार इन चीजों का असर बड़े बच्चे पर बेहद पड़ता है वह खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे पहले बच्चे को अच्छे माहौल और सकारात्मक सोच के साथ इस चुनौती के लिए तैयार करें। दूसरे बच्चे की प्लानिंग से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पहले बच्चे की भावनाओं का ध्यान रखा जाए ताकि उसे इस बदलाव के दौरान कोई परेशानी न हो।
पहले बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करें
बच्चे को धीरे-धीरे समझाएं कि एक छोटा भाई या बहन आने वाला है। उसे यह एहसास दिलाएं कि नए बच्चे के आने से वह परिवार में और महत्वपूर्ण हो जाएगा। इसे एक सकारात्मक अनुभव बनाएं
बच्चे को शामिल करें
जब आप नए बच्चे की तैयारी कर रहे हों, जैसे कि नए कपड़े या सामान खरीद रहे हों, तो पहले बच्चे को भी इसमें शामिल करें। उससे राय मांगें और उसे ऐसा महसूस कराएं कि वह भी इसका हिस्सा है।
समान ध्यान दें
यह सुनिश्चित करें कि पहले बच्चे को आपके प्यार और ध्यान की कमी न महसूस हो। नए बच्चे की देखभाल के दौरान भी पहले बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं और उसकी जरूरतों का ध्यान रखें।
नई जिम्मेदारियाँ दें
पहले बच्चे को छोटे-मोटे काम दें, जैसे कि नए बच्चे के कपड़े लाने या उसका खिलौना लाने में मदद करने के लिए कहें। इससे वह जिम्मेदार महसूस करेगा और भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बच्चे के रूटीन में बदलाव न करें
नए बच्चे के आने से पहले बच्चे के रूटीन में अचानक कोई बड़ा बदलाव न करें। इससे उसे तनाव हो सकता है। स्कूल, खेलकूद, सोने और खाने की दिनचर्या को यथासंभव नियमित रखें। उसके साथ विशेष समय बिताएं। चाहे वह खेल हो, कहानी सुनाना हो, या बस बात करना हो, इससे बच्चा सुरक्षित और खुश महसूस करेगा।
भावनाओं को समझें और साझा करें
बच्चे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें। अगर वह असुरक्षित महसूस करता है या जलन होती है, तो उससे खुलकर बात करें। उसे यह समझाएं कि आप उससे उतना ही प्यार करते हैं, जितना पहले करते थे। उसे यह दिखाएं कि बड़े भाई-बहन बनना कितना मजेदार हो सकता है। उसकी तारीफ करें जब वह छोटे बच्चे की मदद करता है या उसके साथ अच्छा व्यवहार करता है। यह उसे प्रोत्साहित करेगा।
बच्चे की तैयारियों का समय सोच-समझकर चुनें
अगर पहले बच्चे को स्कूल में एडमिशन लेना है या कोई और बड़ा बदलाव होने वाला है, तो उसे पहले स्थिरता दिलाएं और फिर नए बच्चे के बारे में बात करें। इससे बच्चे को आसानी होगी बदलावों से निपटने में। पहले बच्चे की भावनाओं का ध्यान रखते हुए दूसरे बच्चे की तैयारी करना एक अच्छा कदम होगा, जिससे पूरा परिवार इस नए सदस्य का स्वागत खुशी और सहजता के साथ कर सकेगा।