आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, यशोदा नंदन की जय, माखन चोर की जय, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, बोलो बांके बिहारी लाल जैसे जयघोष पूरे देश में सुनाई दे रहे हैं। हर कोई कृष्ण की भक्ति में रंगा दिखाई दे रहा है।
दुनिया के सबसे बड़े मंदिर चंद्रोदय के निर्माता हरे कृष्ण मूवमेंट के हरियाणा में गुड़गावं स्थित आश्रम में श्रीकृष्ण जन्माष्ठमी की विशेष धूम रही जहां बड़ी संख्या में श्रत्रालुओं ने समारोह में हिस्सा लिया और भगवान का विभिन्न तरह से अभिषेक किया।
जन्माष्ठमी आयोजन के दौरान सबसे पहले लड्डू गोपाल अभिषेक कर राधा कृष्ण को झूला झुला झुलाया गया। इस दौरान भगवान का पंचामृत, फलोदक, गंधोतक, औषधियों यानि जड़ी-बूटियों से, हल्दी के लेप से अभिषेक कर 108 कलश शुद्धोतक अभिषेक, 9 विशेष कलश अभिषेक तथा पुष्पाभिषेक किया गया।
सभी प्रकार के अभिषेक संपन्न होने के बाद भगवान को नयी पोशाक पहनाई गई और फिर महाभोग लगाने के बाद अंत में भगवान का धूप, दीप, अर्घ्य, वस्त्र, पुष्प, चामरा व्यजन के साथ भव्य आरती की गई।
मंदिरों में सजी झांकियों, श्रद्धालुओं के नृत्य तथा भजन मंडलियों के गायन ने पूरे माहौल को श्रीकृष्णमय कर दिया। वहीं देशभर में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के मंदिरों में भी बुधवार-गुरुवार की मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण के दिव्य जन्म के शुभ अवसर पर श्रद्धापूर्वक जन्माष्टमी पर्व मनाया गया।
जन्माष्टमी, वैष्णवों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हिंदू चंद्र कैलेंडर के भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन अष्टमी के साथ मेल खाता है। इस्कॉन के आध्यात्मिक गुरु , राधानाथ स्वामी महाराज ने बताया कि अनुष्ठान गुरुवार को सुबह पांच बजे भगवान कृष्ण को समर्पित मंगल आरती के साथ शुरू हुई उसके बाद तुलसी आरती और गुरु पूजा हुई।
दिन के कार्यक्रमों में मनमोहक कथा और कीर्तन सत्र शामिल हैं जो शाम सात बजे संध्या आरती तक चलेंगे और रात्रि 10 बजे भव्य महाअभिषेक समारोह का समापन होगा। जन्माष्टमी के शानदार भोज में 56 विशिष्ट पाक तैयारियों की भव्य प्रस्तुति शामिल है, और शाम के भोग के लिए 108 स्वादिष्ट व्यंजनों की एक भव्य श्रृंखला की योजना बनाई गई है।
प्रसाद में 21 प्रकार के चावल से बने व्यंजन, नौ प्रकार की रोटी और पूड़ी, तीन प्रकार की कचौरियां, नौ स्वादिष्ट पनीर के व्यंजन, गुलाब जामुन, रसमलाई, बफीर्, पेड़ा सहित 25 स्वादिष्ट मिठाइयाँ, विभिन्न प्रकार की बंगाली मिठाइयां, चने का हलवा शामिल हैं।
बंगलादेश में भी जन्माष्टमी पूरे देश में धार्मिक उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री कृष्ण का जन्म बंगाली माह भाद्र के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन हुआ था और वह समाज में सत्य, न्याय स्थापित करके अच्छे एवं पवित्र लोगों को दुष्टों के हाथों से बचाने के लिए दुनिया में युगों-युगों में जन्म लेते हैं।