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अपने नन्हें-मुन्हों को सिखाएं ये बातें, ताकि वे बन सकें आत्‍मनिर्भर

  • Edited By neetu,
  • Updated: 28 Jan, 2021 03:30 PM
अपने नन्हें-मुन्हों को सिखाएं ये बातें, ताकि वे बन सकें आत्‍मनिर्भर

सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को जिंदगी में एक अच्छे मुकाम में देखना चाहते हैं। मगर इसके लिए बच्चे के साथ मां-बाप को भी कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। तभी वे जिंदगी को सही से समझने के साथ चीजों को हासिल कर सकेंगे। इसके लिए पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना। इससे वे अपीन परेशानियों को सही से समझने के साथ उसका हल निकलाने में सक्षम होते हैं। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टकल में कुछ टिप्स बताते हैं, जिसे फॉलो करके आप अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बना पाएंगे। 

एक रुटीन सेट करें

बच्चों का अच्छे से मार्गदर्शन करने के लिए उनकी एक रुटीन सेट करें। इससे उन्हें काम को समझने के साथ सही तरीके सब कुछ मैनेज करने की सीख मिलेगी। हो सकता है शुरु-शुरु में उन्हें मुश्किलों आए, ऐसे में उन्हें प्रोत्साहित करें। उदाहरण के तौर पर उनके खेलने, सोने, पड़ने, खाने आदि सभी चीजों की एक रुटीन सेट करें। इसतरह वे आत्मनिर्भर होने के साथ आत्मविश्वासी बनेंगे। 

बच्चों को करने दें चुनाव 

बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू से ही उनमें कुछ आदतें डालनी पड़ती है। इसके लिए पेरेंट्स का फर्ज है कि वे उन्हें खुद ही चीजों को चुनने व फैसले लेने दें। उदाहरण के तौर पर उन्हें उनके मनपसंद कपड़े व खिलौने खरीदने दें। इससे उन्हें निर्णय देनी की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही बेहतर तरीके से उनके दिमाग का विकास होगा। साथ ही सबके सामने बोलने से उनका शर्मिलापन दूर होकर आत्मविश्वास बढ़ेगा। 

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घर के छोटे-छोटे काम करवाएं

बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनसे घर के छोटे-छोटे काम करवाएं। आप उन्हें उनकी कपड़ों की अलमारी सेट करना, नो बेक कुकिंग, कमरे की साफ-सफाई करवा सकते हैं। इससे बच्चों को समय पर और सही काम करने की सीख मिलेगी। 

अकेले काम करने दें

अक्सर पेरेंट्स बच्चों को काम करवाते समय खुद पास रहते हैं। ऐसे में बच्चों को उनसे हैल्प लेने की आदत होती है। इसके लिए उन्हें अपने मुताबिक चीजों को समझने व करने दें। मगर इसका मतलब ये नहीं कि आप बच्चे को पूरी तरह से छोड़ दें। इसके लिए आप दूर रह कर उनका ध्यान रख सकते हैं। साथ ही अगर आपका बच्चा टीनएज है तो उसे सही रास्ते पर जाने के लिए मार्गदर्शन करें। अपने बच्चे की उम्र के हिसाब से ही उसे काम करने को दें। साथ उन्हें इस बात का अहसास दिलाए कि जीवन के एक मोड़ पर अकेले रह कर ही  उन्हें काम करना पड़ेगा। ऐसे में आप हमेशा उनके साथ नहीं रहेंगे। 

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