स्वस्थ शरीर के लिए अच्छी नींद आवश्यक है इसके लिए जरुरी है आप अच्छी नींद लें। रात में अच्छे से अपनी नींद पूरी करें। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिन के समय व्यक्ति का सोना सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है परंतु जब स्ट्रेस या कोई समस्या हो तो भी नींद अच्छे से नहीं आ पाती। इसके अलावा रात में सोते समय कई बार लोगों को पसीना भी आता है। यदि आपको भी रात में सोते समय पसीना आथा है तो उसे नजरअंदाज न करें। रात में पसीना आना इन बीमारियों का लक्षण हो सकता है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
मेनोपॉज
यदि महिलाओं को रात को सोते समय पसीना आता है तो उनमें मेनोपॉज का कारण हो सकता है। मेनोपॉज के कारण हार्मोन्स में बदलाव होता है जिससे आपको ज्यादा गर्मी लगती है। गर्मी के कारण शरीर में पसीना आ सकता है। ऐसे में आप खुद को समस्या से बचाने के लिए कूलर वाले रुम में सोएं या नहाने से पहले शॉवर लें। इसके अलावा ऐसे कपड़े पहनें जिनके जरिए आपको सांस आसानी से आ सके।
दवाईयों के साइड इफेक्ट
यदि आप एंटीडिप्रेसेंट दवाई खा रहे हैं तो इसके भी आपके शरीर में साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जिसके कारण आपको पसीना आ सकता है। कई पेनकिलर इतनी स्ट्रॉन्ग होती हैं जो आपके शरीर में गर्मी पैदा कर सकती हैं।
लिंफोमा
रात को पसीना आना लिंफोमा का लक्षण हो सकता है। लिंफोमा प्रतिरक्षा प्रणाली का एक ऐसा कैंसर है जिसके कारण यदि आप रात में जागते हैं तो आपकी चादर पसीने से भर सकती है इसके अलावा आपके कपड़े भी पसीने से भीग सकते हैं। शरीर में पसीना इसलिए आता है क्योंकि आपका शरीर कैंसर से लड़ने का प्रयास कर रहा है। इसके अलावा वजन घटाने, थकान, भूखे की कमी के कारण भी पसीना आता है परंतु यदि रात में पसीना आए तो आपको एक बार एक्सपर्ट्स की सलाह जरुर लेनी चाहिए।
हाइपोग्लाइसेमिया
अगर आपके शरीर में शुगर का स्तर कम होता है तो भी आपको रात में पसीना आ सकता है। हाइपोग्लाइसेमिया वाले व्यक्ति को नींद में गड़बड़, सिरदर्द, बुरे सपने के अलावा रात में पसीना आना भी एक आम बात है। यदि आपको भी रात में पसीना आता है तो एक बार एक्सपर्ट्स की सलाह लें। एक्सपर्ट्स के द्वारा आपको रात में सोने से ठीक पहले अपने रक्त ग्लूकोज को कम से कम 140 मिलीग्राम तक रखने की सलाह दे सकते हैं। सीजीएम के जरिए आप ब्लड शुगर देख सकते हैं।
पेट में एसीड बनने के कारण
पेट में एसिड बनने के कारण काने को वापस भोजन नली में जाने की समस्या होती है जिससे खांसी हो सकती है। खासकर रात में इसके कारण समस्या बढ़ सकती है। रात में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप लेटे होते हैं और खाने इधर-उधर होने से आपकी ओर ग्रेविटी नहीं होती। कई सारे अध्ययनों से यह बात साबित हुई है कि पेट में बना एसिड भी रात में आने वाले पसीने का कारण बन सकता है। ऐसे में एंटीरेफ्लक्स दवाई कासेवन करके आप रात में ज्यादा पसीने आने की समस्या को कंट्रोल में कर सकते हैं।
हाइपरथाईरीडिज्म
हाइपरथाईरीडिज्म के रोगियों को भी रात में पसीना आ सकता है क्योंकि इनका मेटाबॉल्जिम नॉर्मल से ज्यादा होता है ऐसे में शरीर का तापमान जैसे बढ़ता है आपको पसीना आने लगता है। ऐसे में आपको गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, केला, शलजम, सोयाबीन और बाजरा जैसी चीजों से दूरी बनानी चाहिए क्योंकि यह थायराइड की प्रतिक्रिया में दख्ल दे सकते हैं।
एचआईवी के कारण
एचआईवी वायरल के शुरुआती लक्षण जैसे बुखार, सिरदर्द, लाल चकत्ते जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा इस रोग के कारण इम्यूनोडिफीशिन्सी सिंड्रोम के कारण शरीर प्रभावित होता है। इसके कारण बुखार, कमजोरी और वजन कम होने जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। इसके अलावा आपकी लसिका ग्रंथियों में सूजन हो सकती है। ठंड लगना, बार-बार पसीना आना भी इसी के लक्षण हो सकते हैं।
स्लीप एप्निया
बहुत से लोग खर्राटे को एक मजाक समझते हैं परंतु यदि आपको खर्राटे के साथ-साथ रात में पसीना भी आता है तो यह भी स्लीप एप्निया का संकेत हो सकता है। स्लीप एप्निया एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें आपके शरीर को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी है। ऑक्सीजन की कमी के कारण आपके शरीर को हवा के लिए लड़ना पड़ता है जिससे पसीना आता है, घबराहट महसूस हो सकती है। अपनी डेली रुटीन में कुछ आदतों में बदलाव करके आप इस बीमारी से लड़ सकते हैं। जैसे वजन कम करना, धूम्रपान छोड़ना, शराब कम पीना, जीभ और मुंह में छाले होना ।