बिजी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के साथ लोग अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक नुकसान भी होता है। एक्सपर्ट फिजिकल और मेंटल हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए सही लाइफस्टाइल, मेडिटेशन करने की सलाह देते हैं। मगर, हाल ही में हुई एक नई स्टडी के मुताबिक, सही खान , मेडिटेशन के अलावा प्रकृति की आवाज (Nature’s Sound) मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
बर्डसॉन्ग से दूर हुआ मानसिक तनाव
बीबीसी नेचुरल हिस्ट्री यूनिट द्वारा की गई स्टडी में 7,500 से अधिक लोगों से डाटा इकट्ठा किया गया, जिसमें सामने आया कि लोगों को बर्डसॉन्ग (Birdsong) की आवाज सुनने मानसिक और शरीरिक थकान से राहत मिली।
लॉकडाउन के कारण प्रकृति के करीब आए लोग
भले ही कोरोना महामारी के कारण लोगों में चिंता और तनाव था लेकिन इस दौरान बहुत-सी अच्छी बातें भी हुई। एक्सपर्ट के मुताबिक, "लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अपने आसपास की प्राकृतिक ध्वनियों को फिर से खोजा। निष्कर्ष बताते हैं कि इन अनुभवों को महसूस करना मेंटल हेल्थ और संरक्षण व्यवहार दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है।"
कैसे फायदा पहुंचाती है प्राकृति की आवाज?
दरअसल, प्रारृति की आवाज से दिमाग पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है। यह सिर्फ प्रकृति की निकटता नहीं बल्कि पर्यावरण की गुणवत्ता के बारे में भी है। जब कोई व्यक्ति प्रकृति की आवाजे सुनते हैं, चाहे वह पेड़ के पत्तों की सरसराहट, पक्षियों का चहकना या जानवरों की आवाज हो, उससे पूरे मानसिक सेहत पर असर पड़ता है। यह मन व दिमाग को खुशी और आनंद देता है, खासकर उन लोगों को जो बाहर रहना पसंद करते हैं।
तो अगर आप भी फिट और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इस नेचुरल थेरेपी का आनंद जरूर लें। सबसे अच्छी बात यह है इस नेचर साउंड थेरेपी के लिए आप किसी भी उपकरण और खर्चे की भी जरूरत नहीं होगी। बस आपको प्रकृति के बीच बैठकर नेचुरल आवाजों को सुनना है।