प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव होना लाजमी है। महिलाओं को जीवन में तीन बार हार्मोनल बदलाव से गुजरना पड़ता है। पहला पीरियड्स शुरु होने पर, दूसरा प्रेगनेंसी के दौरान और तीसरा मेनोपॉज के वक्त। मगर प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से औरत को एक नहीं बल्कि कई प्रॉबल्मस को फेस करना पड़ता है। उन्हीं समस्याओं में से एक है स्किन से जुड़ी समस्याएं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
पिंपल्स
प्रेगनेंसी के दौरान एक औरत का मन अलग-अलग तरह की चीजें खाने को करता है। उनमें खट्टी, तीखी, ऑयली और मसाले वाली चीजें हो सकती हैं। जिस वजह से पिंपल्स होना आम बात है। अगर चेहरे पर पिंपल्स है तो घबराने की बात नहीं, मगर यदि बॉडी के दूसरे पार्टस में पिंपल्स दिखाई दें, तो एक बार डॉक्टर से जरुर मिलें।
पिगमेंटेशन
प्रेगनेंसी में कुछ देर के लिए एक औरत का रंग फीका पड़ जाता है। चेहरे पर रंगत थोड़ी कम होने लगती है। कई बार फूड डायजेस्ट करने में एक औरत को परेशानी होती है, खाया हुआ भोजन जब अच्छे से नहीं पचता तो बॉडी में खून की कमी होने लगती हैं। रंगत ढलने के साथ-साथ चेहरे पर पिगमेंटेशन के धब्बे यानि डार्क स्पॉर्टस दिखाई देने लगते हैं। कई बार यह दाग चेहरे के साथ-साथ गर्दन पर भी दिखाई देने लगते हैं।
स्ट्रेचमार्क्स
जैसे जैसे बेबी ग्रो करता है, वैसे-वैसे आपकी बेली बढ़ने लगती है, जिस वजह से पेट स्ट्रेच होने लगता है और उस पर खिंचाव पड़ने लगता है। डिलीवरी के बाद पेट पर स्ट्रेच मार्कस के निशान दिखाई देना आम बात है। ऐसे में घबराने की बजाए इनसे बचने का उपाय ढूंढना चाहिए। आइए आज पता करते हैं प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली स्किन प्रॉब्लमस से कैसे बचा जाए?
बचाव का तरीका...
-पिंपल्स से बचने के लिए खूब सारा पानी पिएं।
-कोशिश करें ऑयली फूड की जगह बेकड फूड ट्राई करें, इससे स्किन और बच्चे दोनों को नुकसान नहीं होगा।
-बॉडी पर पिंगमेंटेशन से बचने के लिए नारियल पानी पिएं।
-डिलीवरी के बाद स्ट्रेच मार्क्स न हों, ऐसे में हर रोज पेट पर एलोवेरा जेल से मसाज करें, इससे आपको खुजली से भी राहत मिलेगी।
-15 दिन में एक बार फेशियल करवाएं, इससे आपको रिलैक्स के साथ-साथ स्किन प्रॉबल्मस से भी बचाव होगा।
-घर का बना ताजा खाना खाएं, ज्यादा से ज्यादा फ्रूट्स लें।