आपने पुरुष सुरक्षा गार्ड को तो बहुत बार देखा होगा लेकिन क्या कभी आपने महिला सुरक्षा गार्डों को देखा है? लोगों के मन में यह एक स्टीरियोटाइप बन गया है, जहां वो महिलाओं को इस भूमिका में सोच ही नहीं पाते।
हालांकि अब शायद ही आज कोई ऐसा क्षेत्र हों, जिसमें महिलाओं ने अपनी पहचान न बनाई हो। पुरूषों को पीछे छोड़ते हुए चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए महिलाएं हर काम में आगे बढ़ रही हैं। वहीं महिलाओं की तरक्की और लोगों के इस स्टीरियोटाइप को तोड़ने के लिए सेफ हैंड्स 24x7 की संस्थापक 33 वर्षीय श्रावणी पवार महिलाओं को सुरक्षा गार्ड बनने के लिए प्रशिक्षित कर रही है।
जी हां, श्रावणी महिलाओं को सुरक्षा गार्ड बनने की ट्रेनिंग देती है। वह ज्यादातर उन महिलाओं को काम सिखाती हैं, जो कमजोर व गरीब घर से हो। यही नहीं, उनका यह स्टार्टअप ना सिर्फ महिलाओं बॉडीगार्ड का काम सिखाकर सशक्त बनाती है बल्कि वो गरीब महिलाओं को वित्तीय सहायता भी देती है।
उनके अंडर काम करने वाले महिलाएं चुनिन्दा ग्राहक जैसे महिला छात्रावास, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान और कुछ व्यावसायिक परिसरों में सेवाएं देती हैं। वह कर्नाटक, गोवा, हैदराबाद और चेन्नई में भी अपनी सेवाएं प्रदान करती है। 'सेफ हैंड्स 24X7' ने अब तक लगभग 600 महिलाओं को प्रशिक्षित किया है और उनका वार्षिक कारोबार 6 करोड़ रुपये का है। यह कर्नाटक, गोवा, हैदराबाद और चेन्नई में अपनी सेवाएं प्रदान करता है।
श्रावणी का कहना है कि हम लोकल शहर में रहने वाले ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ताकि कर्मचारियों के लिए यात्रा करना सुविधाजनक हो। हमारा एक मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है ताकि वे अपने परिवार के साथ रहकर काम कर सकें। हम ऐसी जगहों का चयन करते हैं, जो महिलाओं के लिए सुरक्षित व आरामदायक हो, ताकि वो अपने आस-पास के लोगों को भी यही भावना दे सकें।
निजी सुरक्षा एजेंसियों के विनियमन अधिनियम, 2005 (PSARA) के अनुसार भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों द्वारा इन गार्डों को प्रशिक्षित किया जाता है। यहां महिलाओं को सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी के साथ शारीरिक, मानसिक ट्रेनिंग भी दी जाती है, ताकि वो अपने कर्तव्यों से चूंके नहीं।