जब अंबानी परिवार की बात आती है, तो कई लोग नीता अंबानी के पालन-पोषण कौशल से प्रभावित होते हैं। रिलायंस फाउंडेशन, धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की चेयरपर्सन और संस्थापक तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज की निदेशक नीता कई भूमिकाएं निभाती हैं, और उनमें से सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एक मां की है। नीता के बच्चों की परवरिश करने के तरीके में कुछ ऐसे जीवन बदलने वाले सबक हैं, जिनसे हर मां को जरूर सीख लेना चाहिए।
बच्चों के लिए हमेशा रही मौजूद
अंबानी परिवार का हिस्सा होने और कई ज़िम्मेदारियां निभाने के कारण निश्चित रूप से नीता के पास अपने बच्चों के लिए कम समय होता। लेकिन इसने कभी भी उनको एक अच्छी मां बनने से नहीं रोका। ईशाअंबानी बताती हैं कि जब वे तीनों भाई- बीन बड़े हुए तो नीता हमेशा उनके लिए मौजूद रहीं और उन्होंने अपने करियर और परिवार में अपनी भूमिका के बीच संतुलन बनाए रखा।
जमीन से जुड़े हुए हैं नीता अंबानी के बच्चे
नीता अंबानी जितनी सोशल है उतनी ही संस्कारी भी हैं। वह अपने पति मुकेश अंबानी के साथ बिजनेस तो बखूबी संभालती ही हैं, साथ ही अपने परिवार का भी पूरा ख्याल रखती हैं। ईशा, अनंत और आकाश अंबानी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें कितने अच्छे संस्कार मिले हैं। वह इतनेअमीर परिवार से ताल्लुक रखने के बाद भी जमीन से जुड़े हुए हैं।
बच्चों को दिया पूरा वक्त
यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि शादी के 7 साल बाद नीता अंबानी ने आईवीएफ के जरिए जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। बच्चों के जन्म के बाद उन्होंने अपना सारा वक्त उनकी परवरिश में लगाया और 5 साल बाद अपने काम पर वापसी की थी। परिवार को कैसे तालमेल में रखना है, एक जुट रखना है वह यह बात अच्छे से जानती हैं।
बेटा- बेटी में नहीं रखा फर्क
नीता अंबानी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि- 'मेरे तीनों बच्चे एक समान है जो काम मेरे बेटे आकाश और अनंत कर सकते हैं वह बेटी ईशा अंबानी भी कर सकती है। मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। उनका कहना है कि- ये बाते लड़कियों को घर से ही सिखानी चाहिए कि वह किसी भी तरह से लड़कों से कम नहीं है। लड़का कर सकता है तो लड़की भी कर सकती है। मैंने कभी ईशा, आकाश, अनंत में फर्क नहीं किया। इसलिए हर लड़की को ये लेवल, ये अधिकार देने की जरूरत हैं।
प्यार देने के साथ- साथ स्ट्रिक्ट भी थी नीता अंबानी
बच्चों को प्यार देने के साथ- साथ नीता अंबानी काफी स्ट्रिक्ट भी रही हैं। वह चाहती थीं कि बच्चे समय पर खाना खाएं, पढ़ाई करें और उसके साथ ही खेलकूद भी करें। उनका मानना है कि बच्चों के साथ स्ट्रिक्ट रह कर आप उन्हें ये समझा सकते हैं कि समय कितना कीमती है और इसकी कद्र करनी चाहिए। बच्चों को छोटी उम्र से ही टाइम का सही इस्तेमाल सिखाना चाहिए।
बच्चों की हर बात का रखा ध्यान
देश के सबसे अमीर शख्स की पत्नी ने अपने बच्चों के सिर पर पैसे का खुमार नहीं चढ़ने दिया। वह उन्हें पॉकेट मनी देकर उन्हीं पैसों में अपना खर्चा चलाने को कहती थी। इतना ही नहीं वह इस बात का भी ध्यान देती थी कि उनके बच्चे कब क्या कर रहे हैं। हर पैरेंट को ये जरूर पता होना चाहिए कि उनका बच्चा क्या कर रहा है।