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Sakshi Malik: रेसलिंग में भारत को ओलंपिक पदक दिलाने वाली पहली भारतीय महिला की कहानी है बेहद इंस्पायरिंग

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 25 Feb, 2023 01:55 PM
Sakshi Malik: रेसलिंग में भारत को ओलंपिक पदक दिलाने वाली पहली भारतीय महिला की कहानी है बेहद इंस्पायरिंग

बीतों सालों में भारतीय पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया। ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि आने वाला समय भारतीय खेल जगत के लिए बेहद शानदार होगा। जब भी भारतीय पहलवानों की बात चलती है तो हमाके मन में साक्षी मलिक का नाम जरुर आता है। उन्होनें भारत के लिए कुश्ती के क्षेत्र में ओलंपिक पदक पाने वाली भारतीय महिला हैं। साक्षी की इस जीत ने तमाम महिला रेसलर खिलाड़ियों को प्रेरित किया है। आज की इस स्टोरी में हम आपको साक्षा मलिक के जीवन और उनके संघर्षों के बारे में बताएंगे....

कौन हैं साक्षी मलिक

साक्षी मलिक भारत की जानी मानी स्पोर्ट स्टार हैं, जिनके बारे में सभी लोग जानते हैं। इनका जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतर में हुआ। साक्षी के पिता श्री सुखबीर मलिक डीटीसी में बस कंडक्टर हैं और उनकी माता श्रीमती सुदेश मलिका एक आंगनवाड़ी कार्याकर्ता हैं। जाटों के परिवार से आने वाली साक्षी बचपन से ही पहलवानी में दिलचस्पी रखती थीं, यही वजह थी कि उन्होनें इसे ही बतौर करियर चुना।

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रियो ओलंपिक में रचा इतिहास

साल 2016 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुए समर ओलंपिक में साक्षी ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इसी के साथ वो भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। रियो ओलंपिक से जीतकर आने के बाद देश भर में इनकी खूब वाहवाही हुई। खास बात ये है कि साक्षी खेल में बैकअप खिलाड़ी के तौर पर थी। उनकी जगह प्रतियोगिता में पहलवान गीता फोगाट जाने वाली थीं, लेकिन अचानक गीता के खराब खेल प्रदर्शन के चलते यह मौका साक्षी को मिल गया।

राष्ट्रमंडल खेलों में किया बेहतरीन प्रदर्शन

ओलंपिक जाने से पहले साल 2015 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों का प्रतिनिधित्व करते हुए रजत पदक जीता था। साथ ही इसी साल विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में भी इन्होनें भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसी के साथ खेल जगत में बेतरीन प्रदर्शन के चलते साक्षी को राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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लंबे इंतजार के बाद जीता गोल्ड

साल 2016 के बाद से साक्षी के करियर में एक लंबा ब्रेक आ गया था। साल 2020 में वो ओलंपिक क्वालीफाई करने से भी चूक गई थीं, जिससे उनके करियर रुक गया था। लेकिन साल 2020 और 2022 के एशियन चैंपियनशिप में उन्होनें 2 कांस्य पदक अपने नाम किए। साल 2022 की शुरुआत में ही साक्षी ने यूडब्ल्यूडब्लयू रैंकिंग सीरीज में गोल्ड जीता। 

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रेलवे में मिली नौकरी

खल जगत में बेहतर प्रदर्शन के लिए साक्षी को भारतीय रेलवे के वाणिज्य विभाग में नौकरी मिल गई, इसके अलावा वो JSW स्पोर्ट्स एक्सीलेंस प्रोग्राम का हिस्सा हैं

पहलवान खिलाड़ी से की शादी
रियो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद साल 2017 में पहलवान खिलाड़ी सत्यव्रत कादियान से शादी कर ली। साक्षी के पति भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय खेलों में कई पदक जीते हैं।

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