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वाराणसी के शिल्पकारों का अनोखा तोहफा, बेशकीमती रत्नों से बनाई राम मंदिर की Replica

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 18 Jan, 2024 01:51 PM
वाराणसी के शिल्पकारों का अनोखा तोहफा, बेशकीमती रत्नों से बनाई राम मंदिर की Replica

अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोरो- शोरों से चल रही हैं। इस मौके पर पूरे देशभर से भक्तों ने सौगातों की झड़ी लगा दी है। जहां पर किसी श्रद्धालु ने अपनी तरफ से धूपबत्ती समर्पित की गई हैं, तो वहीं एक मूर्तिकार मे सोने, चांदी और हीरे मोतियों से निर्मित बेशकीमती राम मंदिर की रिप्लिका भेंट की है। वाराणसी के गाय घाट निवासी शिल्पकार कुंज बिहारी का दावा है कि पहली बार गुलाबी मीनाकारी से 108 दिनों में राम मंदिर की अनुकृति बनाई गई है।

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मंदिर में है रामलला की सोने की मूर्ति

इस replica को काशी के हस्तशिल्पी भाइयों कुंज बिहारी सिंह और लोकेश सिंह ने मिलकर तैयार किया। इसे बनाने में सोने और चांदी का इस्तेमाल किया गया है। राम मंदिर की अनुकृति का वजन 2.5 किलो, ऊंचाई 12 इंच, चौड़ाई 8 इंच और लंबाई 12 इंच है। सोना करीब डेढ़ किलो, चांदी और अनकट डायमंड शिखर पर लगाया गया है। प्रभु राम के मंदिर की अनुकृति 108 पार्ट्स से निर्मित किया गया है। मंदिर की रेप्लिका में रामलला की सोने की मूर्ति भी है।

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उनका कहना है कि विशेष अनुकृति को बनाने में श्री राम की कृपा रही है। चुनौतियों के बारे में उन्होंने बताया कि पहली बार गुलाबा मीनाकारी से राम मंदिर बनाने पर आकार नहीं ले पा रही थी। प्रभु श्रीराम का नाम और भजन सुनते हुए काम शुरू किया गया। देखते- देखते गुलाबी मीनाकारी से मंदिर ने स्वरूप ले लिया। दोनों भाई इस मंदिर की रिप्लिका को पीएम मोदी के हाथों सेवा भाव से अयोध्या में भेंट करना चाहते हैं। फिलहाल इस रिप्लिका की कीमत 500000 बताई जा रही हैं।वहीं रिफ्लिका में उकेरे गए नीले, आसमानी, फिरोजी और कमल के गुलाबी फूल उसकी खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ा रहे हैं। गुलाब का फूल पर बनाने के पीछे उन्होंने ये वजह बताई है कि  ददेश का राष्ट्रीय फूल है। इसलिए इसे राम मंदिर की रिप्लिका पर उकेरा गया है।

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