बॉलीवुड की एवरग्रीन एक्ट्रेस रेखा भले ही फिल्मों में दिखाई ना देती हो लेकिन वह लाइमलाइट में बनी रहती है जिसकी वजह कभी उनकी पर्सनल लाइफ होती है तो कभी स्टाइल। रेखा आज भी जब किसी इवेंट में शामिल होती है तो कैमरे का पूरा फोकस उन्हीं पर होता है। रेखा इस उम्र में भी यंग एक्ट्रेसेज को मात देती है। बढ़ती उम्र के साथ रेखा दिन ब दिन खूबसूरत होती जा रही है लेकिन एवरग्रीन एक्ट्रेस रेखा शुरू से एेसी बिल्कुल भी नहीं थी।
करियर के शुरुआत में काफी मोटी थी रेखा
करियर की शुरुआत में वह बेहद मोटी थी। करियर के शुरुआत में रेखा को अपने सांवले रंग की वजह से भी काफी अपमान सेहना पड़ा लेकिन रेखा ने हार नहीं मानी। रेखा ने खुद में इतना बदलाव किया कि लोग आप भी उनके दीवाने है। बता दें कि रेखा मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखती है। गरीबी के कारण रेखा ने फिल्मों में कदम रखा। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में तेलुगु फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उस समय रेखा काफी मोटी और सांवली थीं। यहां तक कि उन्हें हिंदी भी नहीं आती थी।
भूखी रहकर कम किया वजन
80 के दशक में जब रेखा को उनके रंग और मोटापे के कारण काफी ट्रोल किया गया तो उन्होंने अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और त्वचा के रंग के साथ अपनी फिटनेस पर फोकस करना शुरू कर दिया। सिम्री अग्रवाल को दिए इंटरव्यू में रेखा ने कहा था, “मुझे जंक फूड और चॉकलेट की आदत छोड़ने और वेट लूज करने में ढाई साल लग गए थे और फिर धीरे-धीरे सब बदलता गया। इसी बीच फिल्म ‘घर’ रिलीज हुई और लोगों को मेरा लुक, वेट और स्टाइल देख कर लगा कि ये सब एक रात में हो गया, लेकिन ये सच नहीं है। ये सब रातों-रात नहीं, बल्कि इसे बदलने में ढाई साल का वक्त लगा था।
वही जब सिमी ने रेखा से पूछा कि उनके अंदर ये परिर्वतन कैसे आया? तब रेखा ने बताया था कि, “उन दिनों मैंने बहुत ही गलत तरीके से सब किया। मुझे उस वक्त वो ज्ञान और जानकारी नहीं थी, जो आज है। मैं पूरी तरह से डायटिंग करने लगी थी। मैं कभी महीनों तक सिर्फ इलायची वाला दूध पीती थी या कभी कभी केवल पॉपकॉर्न ही खाती थी। असल में मैं बिलकुल भूखी रहती थी।
स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट का भी लिया सहारा
कहा जाता है कि रेखा के इस बदलाव के पीछे अमिताभ बच्चन का भी हाथ रहा है। अमिताभ ने रेखा को फैशन टिप्स दिए थे। तब अमिताभ और रेखा ने एक साथ फिल्मों में काम करना शुरू किया था। साल 1976 में आई ‘दो अंजाने फिल्म में रेखा में आए बदलाव को दुनिया ने देखा। इंटरव्यू में रेखा ने शेयर किया था कि, "एक कंप्लीट ब्यूटीफुल वूमन बनने के लिए जरूरी है कि आप स्लिम हों। निश्चित रूप से आप मोटे नहीं होने चाहिए। मोटापा एक बदसूरती है।
वही रेखा ने अपना रंग निखारने के लिए बहुत बार स्किन लाइटिंग ट्रीटमेंट का सहारा लिया। रेखा ने अपनी कमियां पूरी की और हिंदी भी सीखी। रेखा हिंदी में डबिंग भी करने लगी थी। रेखा ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि, "मुझे अपने गहरे रंग और दक्षिण भारतीय विशेषताओं के कारण हिंदी फिल्मों की 'बदसूरत बत्तख का बच्चा' कहा जाता था। जब लोग मुझसे ही मेरी तुलना करते थे, तब मुझे बहुत बुरा लगता था। उस समय की लीडिंग एक्ट्रेसेस के बारे में बात करते हुए कहते थे कि, मेरा उनसे कोई मुकाबला नहीं था रेखा आज जिस मुकाम पर है उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है।