जहां एक तरफ बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर ने फिल्म ब्रह्मास्त्र पार्ट 2 को लेकर एक ऐलान किया है ताे वहीं दूसरी तरफ उन्होंने फैंस को झटका भी दे दिया है। एक्टर कुछ दिनों के लिए ब्रेक लेने जा रहे हैं, जिसका ऐलान उन्होंने खुद किया है। इसके अलावा रणबीर ने लिपस्टिक वाले बवाल पर चुप्पी तोड़ते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया है।
हाल ही में रणबीर ने ‘ब्रह्मास्त्र पाटर् 2' को लेकर नया अपडेट देते हुए बताया कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि फिल्म की शूटिंग साल 2024 के अंत या साल 2025 की शुरूआत में शुरू होगी। अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म ब्रह्मास्त्र 2022 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में रणबीर कपूर ,आलिया भट्ट अमिताभ बच्चन, मौनी रॉय, डिंपल कपाड़यिा, नागार्जुन अक्किनेनी की अहम भूमिका थी। इसी बीच उन्होंने यह भी बता दिया कि वह लंबा ब्रेक लेने जा रहे हैं।
रणबीर कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वो फिल्म 'एनिमल' के बाद 6 महीने का ब्रेक लेने वाले हैं, क्योंकि वह अपनी बेटी को समय देना चाहते हैं। दरअसल आलिया भट्ट अपनी अपकमिंग फिल्म जिगरा की शूटिंग में बिजी रहने वाली है, इस दौरान रणबीर कपूर अपनी पेंरेंटल ड्यूटीज पर ज्यादा फोकस करेंगे। रणबीर का कहना है कि वो सिर्फ 180 या 200 दिन काम पर जाते हैं, लेकिन आलिया उनसे ज्यादा काम करती हैं। इसलिए ऐसे में वह आगे आकर अपनी बेटी की देखभाल करेंगे।
इसके साथ ही रणबीर ने ‘टॉक्सिक पति’ कहलाए जाने पर भी अपनी राय रखी। दरअसल आलिया ने कुछ दिन पहले इस बात का खुलासा किया था कि रणबीर के कारण वह डार्क लिपस्टिक नहीं लगती। ऐसे में लोगों ने कहा था कि ये सारी बातें सुनकर तो यही लगता है कि रणबीर टॉक्सिक हैं। अब एक्टर ने इस मुद्दे पर कहा- वे सोशल मीडिया से दूर हैं इसलिए उन्हें ज्यादा नेगेटिविटी प्रभावित नहीं कर पाती।
रणबीर ने कहा- 'हाल ही मैंने एक आर्टिकल पढ़ा जिसमें मेरे टॉक्सिक होने की बात कही गई थी। उस स्टेटमेंट को लेकर बोला गया था, जो मैंने दिया था। मैं सब समझता हूं मैं उन लोगों के साथ हूं जो टॉक्सिक मर्दानगी के खिलाफ लड़ रहे हैं। अगर वो मुझे इसका चेहरा बनाकर इस्तेमाल करना चाहते हैं तो ठीक है। मुझे परेशानी नहीं है, क्योंकि उनकी लड़ाई मेरे बुरा फील करने से कहीं ज्यादा बड़ी है।'इसके साथ उन्होने यह भी कहा कि- 'कभी-कभी एक एक्टर के रूप में आपके बारे में बहुत सी बातें लिखी जाती हैं, बहुत सी राय बनाई जाती हैं, जो जरूरी नहीं कि सच हों।