पितृ पक्ष आरंभ हो चुके हैं। मान्यता है कि इस दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। कहा जाता है कि इस अवधि में पितरों के साथ बुरी आत्माएं भी धरती पर आती है। इसलिए इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए। ताकि उन्हें व गर्भ में पल रहे शिशु को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो। चलिए जानते हैं उन नियमों के बारे में...
कहीं अकेले जाने से बचें
गर्भवती महिलाओं को पितपक्ष के इन दिनों में कहीं अकेले जाने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस अवधि में धरती पर नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है। इससे मां और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए सही नहीं मानी जाती है। अगर आपको कोई जरूरी काम से जाना पड़े तो घर के किसी सदस्य को साथ लेकर ही जाएं।
रात के दौरान बाहर ना जाएं
गर्भवती महिलाओं को जंगल व सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए। असल में, इस समय वातावरण में नेगेटिविटी फैली होती है। इससे मां और गर्भ में पल रहे बच्चे को परेशानी हो सकती है।
इत्र यानि परफ्यूम का इस्तेमाल ना करें
श्राद्ध के दिनों में प्रेगनेंट महिलाओं को इत्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा महिलाओं को श्रृंगार करके घर से बाहर जाने व घूमने से भी बचना चाहिए। नहीं तो इससे मां व बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है।
शमशान घाट ना जाएं
पितृपक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं को शमशान घाट के पास जाने की भी गलती नहीं करती है। कहा जाता है कि इस समय पूर्वजों के साथ कई बुरी शक्तियां भी धरती पर आती है। ऐसे में इनकी छाया मां पर पड़ने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी गहरा व बुरा असर डाल सकती है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु को किसी तरह का कोई नुकसान झेलना पड़ सकता है।
पितरों का अपमान करने से बचें
वैसे तो हर किसी को अपने पूर्वजों का आदर-सम्मान देना चाहिए। मगर श्राद्ध के दिनों में खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को पितरों का अपमान करने की गलती नहीं करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे पूर्वज नाराज हो सकते हैं। ऐसे में गर्भ में पल रहे शिशु के नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही घर -परिवार में परेशानी हो सकती है।
ब्राह्माण व गरीबों का अपमान ना करें
इस दौरान ब्राह्माण व गरीबों का अपमान करने से भी बचना चाहिए। इससे पित व ब्राह्माण श्राप मिल सकता है। ऐसे में जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
मांसाहारी भोजन खाना गलत
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को मांसाहारी भोजन खाने से भी बचना चाहिए। इससे पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा मां और गर्भ में पल रहे बच्चे पर नेगेटिवी का असर पड़ सकता है।
जीव-जंतुओं का मारने से बचें
इस दौरान कुत्ता, गाय, कौए आदि जीव-जंतुओं को भोजन खिलाना शुभ होता है। माना जाता है कि इससे पितरों व देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में पितपक्ष के इन दिनों में गर्भवती महिलाओं को कुत्ता, गाय, कौए आदि को मारने से बचना चाहिए। नहीं तो पितृदोष झेलना पड़ सकता है। ऐसे में इस दौरान अगर घर पर इनमें से कोई पशु आए तो उसे रोटी जरूर खिलाएं।
शारीरिक संबंध बनाने से बचें
पितृ पक्ष के इन दिनों में शारीरिक संबंध बनाने की भी मनाही होती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से शिशु अस्वस्थ पैदा हो सकता है।