सेहतमंद रहने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। नींद की कमी से वजन घटना या बढ़ना, अवसाद और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। मगर, भागदौड़ भरी जिंदगी, काम का बोझ लिए की लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते। वहीं, महामारी ने भी लोगों में अनिद्रा की समस्या को बढ़ावा दिया है। शोध की मानें तो अनिद्रा सिर्फ व्यस्कों की नहीं बल्कि बच्चों की भी समस्या बनती जा रही है। यही नहीं, अपयार्प्त नींद किशोरों को गुस्सैल व चिड़चिड़ा भी बना रही है।
नींद की कमी किशोरों को गुस्सैल बना रही
शोधकर्ताओं के मुताबिक, खराब जीवनशैली, महामारी का तनाव, देर रात कंप्यूटर व मोबाइल का इस्तेमाल नींद में बाधा डाल रहा है। इसी के चलते किशोरों में नींद की कमी के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसके कारण उन्हें रोजमर्रा के काम करने में भी समस्या हो रही है। साथ ही इससे उनमें क्रोध, तनाव, डिप्रेशन, मूड़ स्विंग जैसी भावनाएं भी विकसित हो सकती हैं।
5 से 10 घंटे सोने वाले किशोरों पर रखी गई नजर
अध्ययन में 15-17 साल के 34 स्वस्थ किशोरों को शामिल किया गया। शोध के दौरान उनके स्लिपिंग पैटर्न की निगरानी की गई। स्लीप सेंटर में 10 दिन और नौ रातें बितानी थी, जिसमें से लगातार 5 रातों के लिए 3 अवधि की नींद में से एक चुनने के लिए कहा गया। इनमें 5 घंटे, 7.5 या प्रति रात बिस्तर पर 10 घंटे की नींद शामिल थी। इसके बाद उनके व्यवहार में हुए बदलाव का आंकलन किया गया।
5 घंटे नींद लेने वाले में गुस्सा-चिंता अधिक
शोध की निष्कर्ण निकलता कि 5 घंटे नींद लेने वाले प्रतिभागी 7.5 या 10 घंटे सोने वाले लोगों से ज्यादा उदा, चिंतित, गुस्सैल व भ्रमित थे। 5 घंटे सोने वाले लोगों में खुशी और ऊर्जा में कमी आई जबकि उन्य लोग तनावमुक्त व खुश थे।
पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी
शोधकर्ताओं का कहना है कि अच्छे स्वास्थ्य व मानसिक विकारों से बचने करे लिए सिर्फ किशोरों ही नहीं, बल्कि बच्चे-बूढ़े और पुरुष-महिलाएं सबसे के लिए बेहतर नींद लेना बहुत जरूरी है।
किशोरों में सामान्य नींद के विकार
. अनिद्रा व तनाव
. बुरे सपने आना
. नींद में चलना
. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया
. पीरिऑडिक लिम्ब मूवमेंट डिसऑर्डर (PLMD)
. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (RLS)
. स्क्रीन पर अधिक समय बिताना
अच्छी नींद लेने के टिप्स
1. किशोर सोने और जागने का एक ही समय रखें। इससे शरीर को नींद का चक्र बनाने में आसानी होगी।
2. दिनभर एक्टिव रहें, ताकि रात में अच्छी नींद आए।
3. सोने से पहले हैवी डिनर न करें और मीठी चीजें, सोडा, कैफीन, पेय पदार्थ लेने से बचें। इसकी बजाए हल्का-फुल्का जैसे सलाद आदि खाएं।
4. मोबाइल, लेपटॉप , टीवी व अन्य गैजेट्स को सोने से 3 घंटे पहले ही बंद कर दें क्योंकि इससे नींद में खलल पड़ता है।
5. कुछ अच्छी स्लिपिंग हैबिट्स जैसे शॉवर लेना, किताबें पढ़ना, सॉफ्ट म्यूजिक सुनना आदि आदतें अपनाएं। साथ ही सोने से पहले किताब पढ़ने या डायरी लिखने जैसी आदड डालें
6. सुनिश्चित करें कि बच्चे के कमरे में अंधेरा ना हो और वह ठंडा व शांत हो।
अच्छी नींद के बावजूद भी बच्चा थकावट, चिड़चिड़ाहट, तनाव व उदासीनता महसूस करें तो चिकित्सक की सलाह लें क्योंकि यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है।