प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से जुड़ने का और उनसे संवाद करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। साल के अंत में भी जाते-जाते पीएम मोदी ने लोगों को एक गुड न्यूज दी है। साथ ही में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गुजरात के राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी। इसी दौरान पीएम मोदी ने लोगों को एक नया मंत्र भी दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि नया साल दस्तक दे रहा है और आज देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाली एक और कड़ी जुड़ रही है। साथ ही मोदी ने कहा कोरोना वैक्सीन आने वाली है लेकिन दवाई के साथ-साथ कड़ाई भी जरूरी है। लोग कोरोना नियमों का पालन करते रहें।
पीएम मोदी की कुछ खास बातें
. पीएम मोदी ने इस दौरान एक मंत्र भी दिया और कहा वैक्सीन आने का मतलब ये नहीं की लापरवाही बरतें। अब दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र से आगे बढ़ें।
. वैक्सीन की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नया साल 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है, भारत में वैक्सीन को लेकर हर जरूरी तैयारी चल रही है। साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी। लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है। वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं।
. पीएम मोदी ने कहा कि साल का यह अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टर्स, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को याद करने का है।
. भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं। जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों। वहां करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं।
. वैक्सीन पर पीएम मोदी ने बात करते हुए कहा कि वैक्सीन हर वर्ग तक पहुंचे इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में हैं, दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने जाने की तैयारी जोरों पर है। गुजरात ने भी कोरोना से निपटने और वैक्सीन की तैयारी को लेकर अच्छी स्थिति में है।
. देश में कई तरह की अफवाहें फैलती हैं, जब वैक्सीन का काम शुरू होगा तब भी अफवाहों का बाजार तेजी से चलेगा। सोशल मीडिया पर कुछ भी दिखे तो उसे आगे ना बढ़ाएं।
. मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना वो कितने प्रभावी तरीके से कर सकता है।
. 2021 हेल्थ सॉल्यूशन का साल होने वाला है। भारत अब फ्यूचर ऑफ हेल्थ, हेल्थ ऑफ फ्यूचर में अहम रोल निभाने जा रहा है। भारत ने मदद के लिए मानवता के पैमाने को सबसे ऊपर रखा है।
. पीएम मोदी ने कहा आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे। 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे। उन्हें बनाते बनाते 2012 आ गया था, यानी 9 साल लग गए थे।
. आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं। आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है। अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है।