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पित्ते की पथरी का देसी इलाज, सर्जरी से पहले एक बार जरूर आजमाएं!

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 09 Oct, 2024 08:51 PM
पित्ते की पथरी का देसी इलाज, सर्जरी से पहले एक बार जरूर आजमाएं!

नारी डेस्कः पथरियों की समस्या आपने आम ही सुनी होगी। किडनी की तरह पित्ताशय की थैली यानी पित्ते में पथरी बनना भी एक आम समस्या हो गई है लेकिन किडनी और पित्ते की पथरी दोनों में फर्क है।पित्ते की पथरी (पित्ताशय की थैली) का तब तक पता नहीं चलता जब तक व्यक्ति को गंभीर दर्द ना हो। पित्त की पथरी छोटी और कठोर होती हैं और यह तब बनती हैं जब पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल और बाइल साल्ट की मात्रा अधिक हो जाती है। इन पथरियों का आकार अनाज के दाने से लेकर टेनिस बॉल जितना बड़ा भी हो सकता है।

पित्त की थैली में पथरी होने के लक्षण (Pitte Ki Pathri Ke Lakshan)

अगर पित्ते में पथरी है तो पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक और तेज दर्द होना, पेट के बीच में अक्सर दर्द होना, कंधे के पास पीठ में दर्द, दाहिने कंधे में दर्द, मतली या उलटी महसूस होना। ज्यादा भूख ना
लगना और हमेशा पेट में हैवीपन बना रहना। कब्ज रहना या बार-बार दस्त होना भी एक लक्षण हो सकता है। 


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पित्ते की पथरी (गॉल ब्लैडर स्टोन) क्यों होता है (Causes of Gall Bladder Stone)

पित्ताशय की थैली पाचन के लिए आवश्यक एंजाइमों को संग्रहीत करता है। जब पित्ताशय में तरल पदार्थ की मात्रा सूखने लगती है तो उसमें मौजूद चीनी-नमक और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व एक साथ जमा हो जाते हैं तो वह पथरी के छोटे-छोटे टुकड़ों का रूप ले लेते हैं, जिन्हें पित्त पथरी कहते हैं। कभी-कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और पित्त लवण जमा हो जाते हैं। 80 प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल (पित्ताशय की पथरी) से बनी होती है। धीरे-धीरे ये सख्त हो जाते हैं और पित्ताशय के अंदर पथरी का रूप ले लेते हैं। कोलेस्ट्रॉल स्टोन पीले-हरे रंग के होते हैं। पित्ताशय में पथरी क्यों होती है किस उम्र में ज्यादा होती है इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं पता लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं जो पित्त पथरी की संभावना को बढ़ा सकते हैं जैसे-

शुगर की समस्या
मोटापा 
आहार में फाइबर की कमी
गर्भावस्था के दौरान
बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद
दवाइयों का अधिक सेवन
लंबी बीमारी के कारण

पित्ताशय की पथरी का घरेलू इलाज | Home Remedies for Gall Bladder 

बहुत सारे लोग जानना चाहते है की पित्त की पथरी का घरेलू इलाज क्या है। तो बता दें कि चुकंदर, खीरा और गाजर का रस, पित्त की पथरी को दूर करने में फायदेमंद होता है। पुदीना, पित्त की पथरी को दूर करने में बहुत फायदेमंद है। पुदीने की पत्तियों को उबाल कर भी पुदीने की चाय बनाएं और पीएं। चुकंदर, गाजर और खीरे का जूस ये तीनों ही पित्ताशय और लीवर को मजबूत बनाते हैं। तीनों को बराबर मात्रा में लेकर जूस तैयार कर लें। इसे दिन में दो बार पिएं।

NCBI पर छपे एक शोध (Ref) के अनुसार, हल्दी को एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। हल्दी के सेवन से पित्त की घुलनशीलता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। सब्जी के रूप में हल्दी का सेवन करें। हल्दी वाला दूध या हल्दी वाला पानी, हल्दी में शहद मिलाकर खाएं।

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सिंहपर्णी की जड़

सिंहपर्णी एक ऐसा औषधीय पौधा है, जो पित्ताशय की पथरी का प्राकृतिक उपचार है। NCBI पर प्रकाशित एक अध्ययन (Ref) के अनुसार, सिंहपर्णी की पत्तियां, पित्त के उत्सर्जन और वसा के चयापचय में मदद करती हैं। इस जड़ी बूटी का सेवन करने से पित्ताशय की थैली को उत्तेजित करने में भी मदद मिल सकती है। इसके लिए आप सिंहपर्णी की हर्बल चाय बनाकर पी सकते हैं।

नींबू, लहसुन और जैतून का तेल

नींबू का रस, लिवर में कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है। इसके लिए 30 मिली. जैतून का तेल, नींबू का रस बराबर मात्रा में और थोड़ा सा लहसुन लेकर एक मिश्रण बना लें। यह उपाय काफी हद तक पथरी बनने
से रोकते है। आप नींबू का सेवन भी सुबह कर सकते हैं। 

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पुदीना की चाय

पुदीने का तेल इस रोग में कारगर सिद्ध होता है। इसमें मौजूद तत्व पित्त पथरी को आसानी से घुलने में मदद करते हैं। आप पुदीने की चाय या पुदीने के कैप्सूल ले सकते हैं। बस पुदीने की कुछ पत्तियों को एक कप पानी में उबालें और चाहें तो इसमें शहद मिला लें।

मूली का रस

पित्त पथरी के लिए मूली भी एक अच्छा घरेलू उपाय है। एनसीबीआई पर छपे एक अध्ययन (Ref) के अनुसार, मूली कोलेस्ट्रॉल और पित्त पथरी के इलाज में मदद कर सकती है। बड़ी पित्ते की पथरी के लिए पूरे दिन में पांच से छह बड़े चम्मच जितना मूली का रस पिएं। छोटी पथरी के लिए दिन में एक या दो चम्मच ले सकते हैं। मूला आपके हाजमे को भी सही रखेगी। 

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चुकंदर का रस वरदान 

फाइबर, कैरोटेनॉयड्स और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर, चुकंदर का रस खून में कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। कोलेस्ट्रॉल नहीं होगा तो पित्ते में पथरी भी नहीं बनेगी। रोजाना एक कप चुकंदर का रस पिएं।

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नारियल का तेल

3 बड़े चम्मच नारियल का तेल, 1/4 गिलास सेब का रस, आधा नींबू का रस, एक लहसुन-लौंग और एक अदरक के टुकड़े को मिक्स कर लें और इस मिश्रण को रोजाना लें।

सेब का जूस पीएं

सेब, हमारी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। पित्ते की  पथरी की समस्या दूर करने में भी यह फायदेमंद है। एक गिलास सेब के रस पीएं या फल के रूप में इसे खाएं। 

क्रैनबेरी का जूस

रोजाना एक गिलास क्रैनबेरी जूस पीने से आपको पित्त की पथरी में आराम मिल सकता है। क्रैनबेरी जूस में मौजूद फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल पित्त पथरी बनने से रोकता है। इसी के साथ यह यूटीआई जैसी इंफेक्शन भी नहीं होने देता। 

ग्रीन टी

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी शरीर को ऊर्जा देते हैं और सूजन कम करते हैं। यह पित्ते में पथरी बनने से भी रोकती है। आपको दिन में कम से कम 2 कप ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए।

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पित्त पथरी का इलाज क्या है? (Pitte Ki Pathri Ka Operation)

अगर पथरी छोटी है तो यह अपने आप बाहर निकल सकती है। छोटी पथरी, पित्त नली के जरिए आंतों से होकर थैली से बाहर निकल सकती है। हालांकि यह पित्त नली में भी फंस सकती है, जिससे समस्या गंभीर हो सकती है। इसके लिए मेडिकल इलाज, दवाएं और सर्जरी उपलब्ध हैं। पित्ते की पथरी होने पर डाक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। 

नोट: किसी भी तरह की दवा या घरेलू इलाज करवाने से पहले ।डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। 

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