अगर आप ऐसे जगह अपनी छुट्टियां प्लान करने की सोच रहें है जहां आप शांति और सुकून से एन्जॉय कर सके। साथ ही प्राचीन और धार्मिक चीजों के बारे में जानने का शौंक रखते है तो ऐसे में इंडोनेशिया के बाली के पांडवा बीच पर जाना आपके लिए ब्रेस्ट ऑप्शन है। सीक्रेट बीच के नाम से जानें जाने वाले इस बीच के बारे में पहले लोग अनजान थे। आपको बता दें यह बीच फेमस टूरिस्ट स्पॉट बाली उलुवातू मंदिर से 3 किलोमीटर दूरी पर बना है। यहां के नीले रंग के पानी कई शेड्स और सूर्योदय का नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। तो चलिए जानते और क्या है इस बीच में खास...
पांडवों के नाम पर रखा गया नाम
इस बीच का नाम महाभारत के पांडवों के नाम से पंडावा बीच रखा गया है। यहां पर आपको भीम, युधिष्ठिर, अर्जुन, सहदेव और नकुल की मूर्तियां आसानी से देखने को मिलेंगी। बाली में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने से यहां के चौराहों पर भी महाभारत का चित्रण और मूर्तियां बनी हुई है।
क्यों जाना जाता था सीक्रेट बीच?
पहले यह बीच बहुत ऊंची खड़ी चट्टानों के नीचे बना था। इसलिए यह लोगों के लिए सीक्रेट बीच था। यहां पर बस लोकल मछुआरे और समुद्री वीड के किसान जाया करते थे। मगर अब सरकार द्वारा यहां रोड बना देने पर लोगों ने रहना शुरू कर दिया है। साथ ही मशहूर होने पर दूर-दूर से लोग यहां आना और घूमना पसंद करते है।
क्या है इस बीच की खासियत?
इस बीच के पानी में नीले रंग के कई शेड्स मिलते है। यहां समुंद्र की लहरें ज्यादा तेज़ न होने के कारण लोग कई तरह की एक्टिविटी करते है। यहां पर सूर्योदय का नजारा देखने लायक होता है। यह देखने में ऐसा लगता है मानो किसी ने पानी में सोना घोल दिया हो। फोटो खिचवाने के शौकिन लोगों को यहां घूमने जाना न भूलें।
पैराग्लाइडिंग और पैरा सेलिंग
एडवेंचर के शौकिन लोग यहां पर पैराग्लाइडिंग और पैरा सेलिंग करने का भी मजा उठा सकते है। वैसे ये सरकार द्वारा अभी ही शुरू की गई है। साथ ही यह लोकेशन बीच से थोड़ी दूर टिम्बिस हिल पर बनी हुई है।
शांत वातावरण
यहां की सुंदर वादियों के बीच आप जाकर शांत और सुकुन भरा महसूस करेंगे। यहां पर कुटा बीच के पास बने आप होटल में रह सकते है।
कहां जा सकते है घूमने?
आप यहां पंडावा बीच के अलावा नॉसा दुआ बीच और उलुवातू मंदिर में जा सकते है। समुंद्री देवताओं के लिए बनाया गया उलुवातु मंदिर में आपको भारी मात्रा में बंदर देखने को मिलेंगे। इस मंदिर में मुख्य रुप से बालिनीज़ देवता की पूजा होती है जिन्हें रुद्र का प्रतीक माना जाता है।
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