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बच्चों को सेफ रखने के लिए पैरेंट्स और स्कूल स्टाफ का वैक्सीनेटड होना बहुत जरूरी: टी जैकब जॉन

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 29 May, 2021 12:45 PM
बच्चों को सेफ रखने के लिए पैरेंट्स और स्कूल स्टाफ का वैक्सीनेटड होना बहुत जरूरी:  टी जैकब जॉन

भारत में आई कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी तक नहीं थमा लेकिन इसी बीच एक्सपर्ट का मानना है कि देश में अगर जल्द से जल्द मेडिकल सुविधाओं को ठीक नहीं किया गया तो तीसरी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है जोकि बच्चों के लिए बेहद प्रभावित होगा। वहीं, इस पर वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजिस्ट और पूर्व प्रोफेसर टी जैकब जॉन ने भी बेहद अहम जानकारी दी।
 

तीसरी लहर की नहीं कोविड के खात्मे की बात करनी चाहिए-
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर का अभी तक कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है लेकिन हमें इसके लिए पहले से तैयार रहना होगा। उनका यह भी कहना है कि हर कोई तीसरी लहर की बात कर रहा है लेकिन अब दुनिया को कोविड के खात्मे की बात करनी चाहिए।  डॉ. जैकब ने बताया कि कोरोना वायरस अब खात्मे की ओर है और एक से दो महीने में स्थिति सामान्य होगी।


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तीसरी लहर के बारे में भविष्यवाणी करने के बजाय,  तैयारी की जरूरत-
कोरोना की तीसरी लहर पर प्रोफेसर टी जैकब जॉन ने कहा कि जैसा कि अभी हम दूसरी लहर के बोझ तले दबे हुए हैं, भविष्य की तीसरी लहर के बारे में बात करना अभी ठीक नहीं है, इसके बारे में हम अभी नहीं जानते कि तीसरी लहर आएगी या नहीं अभी तक इसकी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है। तीसरी लहर के बारे में भविष्यवाणी करने के बजाय सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए कि इसे आने कैसे रोकें।
 

कैसे तीसरी लहर को रोका जा सकता?
डॉ. टी जैकब बताया कि अगर सरकार टीकाकरण को लेकर पूरे देश में न्यायपूर्वक  काम करती है तो तीसरी लहर की संभावना को भी कम किया जा सकता है। 

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बच्चों के ऊपर तीसरी लहर का क्या होगा प्रभाव ?
बच्चों के ऊपर तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर डॉ. टी जैकब बताया कि चाहे कोरोना वायरस की पहली लहर हो या दूसरी   बच्चों में हमेशा संक्रमण पाया गया है, क्योंकि अब कोरोना की लहर तेज हो गई है इसलिए बच्चों के संक्रमण की संख्या में भी वृद्धि हुई है। लेकिन ऐसी भविष्यवाणी का कोई विज्ञान नहीं है कि पहली और दूसरी लहर के बीच क्या अंतर है। अब तक पूरे देश में कई बच्चों और गर्भवती महिलाओं में इस वायरस का संक्रमण देखा जा चुका है। क्या यह मात्रात्मक या गुणात्मक परिवर्तन है? हम नहीं जानते। दूसरी लहर में जो हुआ उसे तीसरी लहर में बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना झूठा तर्क है। तीसरी लहर हल्की हो सकती है या बेहद घातक, हम नहीं जानते, लेकिर इसकी तैयारी करना एक अच्छा विचार है।
 

अभिभावक बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें?
 इस माहामारी से अभिभावक बच्चों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं इस पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि माता-पिता को स्वयं टीका लगाया जाना चाहिए, और बच्चों के टीके उपलब्ध होने तक की प्रतीक्षा करें। उन्होंने कहा कि, हमें नहीं पता कि अब तक कितने बच्चे संक्रमित हुए? लेकिन उन्हें संक्रमण से बचाना बहुत जरूरी है। अगर दोबारा से स्कूल खोले जाते हैं तो पूरे स्कूल टीचर समेत सारे स्टाफ का वैक्सीनेटड होना बहुत जरूर है। 

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