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आत्मनिर्भरता की ओर पलक का कदम! महिलाओं को सीखा रहीं सिलाई ताकि बेहतर हो सके जिंदगी

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 29 Dec, 2020 02:51 PM
आत्मनिर्भरता की ओर पलक का कदम! महिलाओं को सीखा रहीं सिलाई ताकि बेहतर हो सके जिंदगी

एक महिला ही दूसरी महिला का दुख और उसके हालात समझ सकती है और बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें दूसरों की मदद करने का मौका मिलता है। कुछ ऐसी ही मदद कर रही हैं पश्चिम बंगाल के 24 प्रांगण हिंगलगंज की हेड मास्टर पलक रॉय चौधरी जो कि गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है और उनके लिए काबिल-ए-तीराफ काम कर रही है। 

सिलाई सीखाती हैं पलक 

पलक खुद पढ़ी लिखी हैं लेकिन उन्होंने हमेशा से समाज को बदलने के लिए कदम उठाए। यही कारण है कि उन्होंने खुद के साथ-साथ महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोचा। आज पलक अपने आस-पास के क्षेत्र की महिलाओं को टेलरिंग का काम सीखा रही है। 

महिलाओं के सपने कर रही पूरे 

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पलक की मानें तो वह जिन महिलाओं को ट्रेनिंग देती हैं उनमें गरीब परिवार की महिलाएं शामिल हैं लेकिन इनमें से बहुत सारी महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन भी किया है लेकिन उनके पास काम नहीं है। इसी कारण  वह हमेशा अपने परिवार को लेकर और आने वाले समय को लेकर चिंता में रहती हैं। पलक इन महिलाओं को सिलाई सीखा रही हैं ताकि वह अपने घर की आर्थिक हालत ठीक कर सकें और अपने सपने पूरा कर सकें। इतना ही नहीं इन महिलाओं को मार्केट में अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

मास्क और बैग बनाना सीखाया जाता 

इन महिलाओं को बैग्स और मास्क बनाना सीखाया जाता है। साथ ही इन्हें बैकपैक और शॉपिंग बैग्स बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन्हें सिखाने का काम सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक किया जाता है। आपको बता दें कि सिलाई की इस ट्रेनिंग का काम हिंगलगंज के स्कूल के साथ मॉम सुंदरबन सोसायटी नामक एनजीओ के सहयोग से हो रहा है।

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पलक का एक ही सपना 

इन महिलाओं को सिलाई सीखाने वाली पलक का एक ही सपना है कि महिलाओं को अपनी मेहनत का पूरा फल मिले। बाजार में भी उनके द्वारा बनाई चीजें रंग लाएं। सच में पलक आज समाज के लिए एक नई मिसाल कायम कर रही है।

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