पाकिस्तानी सिंगर नय्यारा के फैंस के लिए एक बहुत ही दुख देने वाली खबर सामने आई है। सिंगर नय्यारा नूर का निधन हो गया है। नय्यारा का निधन 71 साल में हुआ। उनके फैंस सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया में भी थे। उनके निधन के बाद सिंगर के फैंस को बहुत ही सदमा लगा है। सोशल मीडिया पर भी उन्हें फैंस श्रद्धांजलि दिखाई दे रहे हैं। नय्यारा को 'बुलबुल ए पाकिस्तान' के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
1950 में हुआ था असम में जन्म
सिंगर नय्यार नूर का जन्म साल 1950 में भारत के असम की गुवाहटी शहर में हुआ था। उनके पिता एक बिजनेसमैन थे। अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए उनके पिता परिवार के साथ अमृतसर से असम में आकर रहने लगे थे। नय्यारा के पिता 'ऑल इंडिया मुस्लिम लीग' के फेमस सदस्यों में से भी एक थे। उनके पिता ने साल 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे से पहले भी पाकिस्तान के कायदे आजाम मुहम्मद अली जिन्ना के असम दौर में उनकी खातिरदारी भी खी थी।
गायकी की क्लास के बिना सिखा संगीत
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद नय्यारा अपने भाई-बहन और मां के साथ पाकिस्तान के लाहौर में जाकर रही थी। उनके पिता संपत्ति के कारण 1993 तक भारत में ही रहे थे। उन्हें शुरु से ही गाने का बहुत शोक था। वह शुरु से ही भजन गायिका कनन देवी और गजल गायिका बेगम अख्तर के गानों को भी काफी पसंद करती थी। नय्यारा ने गाने की कोई क्लास भी नहीं ली थी। ऐसा माना जाता था कि, संगीत की दुनिया में उनका कदम सिर्फ एक इत्तेफाक के रुप में था।
1968 के बाद नहीं देखा पीछे मुड़कर
नय्यारा को साल 1968 में लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स में एनुअल फंक्शन के दौरान कॉलेज के प्रोफेसर इसरार ने उनका गाना सुना। प्रोफेसर इसरार ने नय्यारा को रेडियो पाकिस्तान के कार्यक्रमों में गाना गाने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा ।