रत्न शास्त्र के अनुसार, गोमेद राहु ग्रह का शास्त्र है। इस शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को रत्नों का चुनाव करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। इन रत्नों के साथ शोभा तो बढ़ती है। इसके अलावा इन रत्नों में अलौकिक शक्तियों का समावेश होता है। इसके अनुसार, इन रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह के साथ होता है। आज आपको गोमेद रत्न के बारे में बताएंगे। इस रत्न का संबंध मायावी ग्रह राहु के साथ है। यह रत्न बहुत ही सुंदर होता है। कुछ लोग इसे अपने गले में भी पहनते हैं। परंतु रत्न शास्त्र के अनुसार, इसे पहनने से पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं उन तथ्यों के बारे में...
कैसा होता है गोमेद रत्न?
गोमेद रत्न म्यांमार और श्रीलंका की खादानों में मिलता है। श्रीलंका में पाए जाने वाले गोमेद को सिलोनी गोमेद कहते हैं। म्यांमाप में पाए जाने वाला गोमेद भूरे रंग का होता है। यह गोमेद गोमूत्र के वर्ण के जैसे होता है। इस गोमेद को बहुत ही उच्च कोटि का माना जाता है। श्रीलंका में पाया जाने वाला गोमेद कत्थई रंग का होता है। इसके अलावा गोमेद भारत में हिमालय, कश्मीर, हजारीबाग और दक्षिण भारत में भी पाया जाता है।
किन लोगों के लिए फायदेमंद गोमेद?
गोमेद रत्न उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो न्याय व्यवस्था से जुड़े काम करते हैं या फिर वकालत करते हैं। ऐसे लोगों को गोमेद रत्न पहनना चाहिए। मान्यता है कि इसे पहनने से उनके लिए इस क्षेत्र में सफलता के रास्ते खुलते हैं। इसके अलावा जो लोग राजनीति में करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए भी गोमेद बहुत ही फायदेमंद होता है। गोमेद उन लोगों के लिए भी बहुत ही लाभकारी है जो पहले से ही राजनीति से जुड़ें हैं किन्तु कोई खास कामयाबी हासिल नहीं कर पाए। ऐसे लोगों को गोमेद रत्न जरुर पहनना चाहिए। यदि आपके जीवन में राहु की दशा ठीक नहीं है तो भी आपको गोमेद रत्न पहनना चाहिए।
इन राशियों के लिए फायदेमंद
गोमेद रत्न मिथुन, कन्या, वृष, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए लाभदायक होता है। इसके अलावा जिन लोगों की जन्मकुण्डली में राहु 1,4,7,10 केंद्र में हो उनके लिए भी गोमेद रत्न फायदेमंद होता है। पांचवे और नौवमे भाव में यदि राहु हो तो उन जातकों के लिए भी गोमेद रत्न अच्छा होता है। अगर राहु दूसरे, ग्यारवें भाव में है तो भी गोमेद रत्न लाभदायक हो सकता है। परंतु अगर राहु छठे, आठवें या फिर बारहवें भाव में है तो सोच -समझकर ही गोमेद रत्न पहनें। यदि आपकी कुंडली में राहु उच्च स्थान पर हैं तो भी आप गोमेद रत्न पहन सकते हैं।
ऐसे करें धारण
आप गोमेद को आर्द्रा, शतभिषा और स्वाति जैसे नक्षत्रों में डाल सकते हैं। आप शनि की होरा के दौरान पंचधातु में या फिर किसी लोहे की अंगूठी में 5-6 रत्ती भार के साथ मध्यम उंगली में पहन सकते हैं। गोमेद डालते समय 'ऊं रां राहवे नम:' मंत्र का जाप करें और 108 बार गोमेद रत्न अभिमंत्रित करके धारण करें। रत्न धारण करने के बाद किसी ब्राहाण को आप राहु का दान करें। अगर आप अंगूठी में गोमेद रत्न नहीं डालना चाहते तो इसे यंत्रात्मक स्वरुप के साथ जड़वाकर गले में भी पहन सकते हैं।