आज दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है। डॉक्टर के बाद नर्स को ही भगवान का दर्जा दिया जाता है, जो अपनी जान दांव पर लगाकर मरीजों की सेवा करती हैं। कोरोना संकट में नर्स बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं। अपने परिवार से दूर रहकर वह लोगों का इलाज कर रही हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी महिला नर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने घर से दूर रहकर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है और लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रही हैं।
बच्चों को खुद से रखती हैं अलग- नर्स मोहिनी
नर्स मोहिनी आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज के कोविड ब्लाॅक में स्टाफ नर्स के रूप में काम कर रही हैं। मोहिना का परिवार शास्त्रीपुरम में रहता है। उनका 7 साल का बेटा और डेढ़ वर्ष की बेटी है। मोहिनी का बताती हैं कि उनके पति बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। ह अपने बच्चों से खुद को दूर अलग कमरे में रखती हैं। मोहिनी का कहना है कि उनका यही प्रयास है कि कोरोना संक्रमित मरीज जल्दी से ठीक होकर अपने परिवार के पास पहुंचे।
पिता करते हैं प्रेरित- अंजली कुमारी
एसएन मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल के आईसीयू में ड्यूटी दे रही स्टाफ नर्स अंजली कुमारी मरीजों को खाना खिलाने और दवा देने के साथ-साथ उनका मनोबल भी बढ़ाती हैं। वह कोविड मरीजों को खुश रखने की कोशिश करते रहती हैं। अंजली ने बताया के उनका परिवार टूंडला के पमारी गांव में रहता है। वह कहती हैं कि उनके पिता उन्हें मरीजों की सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।
ढाई साल की बेटी से नहीं मिल पा रही- सुनीता यादव
नर्स सुनीता यादव कहती हैं कि उनकी ढाई साल की बेटी है। जिसे उन्होंने अपनी मां के पास छोड़ा हुआ है। उनका कहना है कि ड्यूटी के कारण वह कई-कई दिन अपनी बेटी से नहीं मिल पाती।
एहतियात भी जरूरी- ज्योति सिंह
कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए एहितयात बरतनी भी जरूरी है। नर्स ज्योति सिंह का कहना है कि अपनी ड्यूटी के बाद वह गर्म पानी से नहाती है और गर्म पानी ही पीती हैं। उन्हें खुद को परिवार से दूर रखना पड़ता है।