नारी डेस्क: पिछले तीन दशकों में भारत में युवा महिलाओं के बीच स्तन कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। यह चिंताजनक प्रवृत्ति खासकर शहरी क्षेत्रों में अधिक स्पष्ट हो रही है। स्तन कैंसर का यह बढ़ता खतरा विभिन्न कारणों से जुड़ा हुआ है, जिनमें बदलती जीवनशैली, पर्यावरणीय कारक, और पारिवारिक स्वास्थ्य इतिहास प्रमुख हैं।
स्तन कैंसर में वृद्धि के कारण
जीवनशैली में बदलाव: पिछले कुछ सालों में भारतीय महिलाओं के जीवनशैली में बड़ा बदलाव देखा गया है। खासतौर से शहरों में महिलाएं कम शारीरिक गतिविधि करती हैं और अस्वास्थ्यकर खानपान अपनाती हैं, जिससे मोटापा और हॉर्मोनल असंतुलन की समस्याएं बढ़ी हैं, जो स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
देर से मातृत्व और कम बच्चे: देर से शादी और बच्चों को देर से जन्म देने का चलन बढ़ रहा है। इसके अलावा, कई महिलाएं परिवार नियोजन के तहत कम बच्चे पैदा कर रही हैं। यह हॉर्मोनल बदलाव का कारण बन सकता है, जो स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
शराब और तंबाकू का सेवन: युवा महिलाओं के बीच शराब और तंबाकू के सेवन में वृद्धि भी स्तन कैंसर के मामलों में इजाफा कर रही है। यह दोनों ही आदतें कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं।
देर से मेनोपॉज: जीवनशैली और खानपान के बदलावों के कारण महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र भी बढ़ रही है, जो हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। यह भी स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाला कारक है।
पर्यावरणीय कारक: प्रदूषण, रासायनिक प्रदूषण, और हानिकारक रसायनों के संपर्क में आना भी स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि का एक प्रमुख कारण माना जाता है।
युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों पर जागरूकता
विशेषज्ञ मानते हैं कि युवा महिलाओं में स्तन कैंसर की पहचान और इलाज की प्रक्रिया में देरी एक बड़ी समस्या है। स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों के प्रति जागरूकता की कमी और नियमित जांच का अभाव महिलाओं के लिए खतरा पैदा कर सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से स्तन कैंसर की जांच करवानी चाहिए। साथ ही, जिन महिलाओं के परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
समाधान
स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों के माध्यम से महिलाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, नियमित जांच कराने, और शुरुआती लक्षणों की पहचान के प्रति सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही, युवाओं में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना, पौष्टिक आहार अपनाना और हानिकारक आदतों को त्यागना आवश्यक है, ताकि स्तन कैंसर के खतरे को कम किया जा सके। स्तन कैंसर का खतरा हर उम्र की महिलाओं के लिए गंभीर है, लेकिन भारत में युवा महिलाओं में इसके बढ़ते मामले विशेष चिंता का विषय हैं। समय रहते जागरूकता और सही कदम उठाकर इस गंभीर समस्या से निपटा जा सकता है।