वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट पेश करते समय जो मरून (गहरे लाल रंग की) साड़ी पहनी, वह कर्नाटक के धारवाड़ क्षेत्र की पारंपरिक ‘कसूती' कढ़ाई वाली हाथ से बनी ‘इलकल' रेशमी साड़ी है। कसूती भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग वाली पारंपरिक कढ़ाई है, जो धारवाड़ क्षेत्र की खासियत है।
हाथ से किए गए कसूती के काम में आम तौर पर रथ, हाथी, मंदिर के गोपुर, मोर, हिरण और कमल की कढ़ाई की जाती है। ऐसा बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री द्वारा पहनी गई साड़ी पर रथ, मोर और कमल का काम था। भारी रेशम (800 ग्राम) की साड़ी को धारवाड़ में आरती हिरेमठ के स्वामित्व वाले ‘आरती क्राफ्ट्स' ने डिजाइन किया था।
हिरेमठ ने कहा कि उसे साड़ियां बनाने का अनुरोध दिसंबर में प्राप्त हुआ था। उसने कहा, ‘‘हम खुश थे कि यह साड़ी निर्मला सीतारमण जी के लिए थी, लेकिन हमें यह नहीं पता था कि वह इसे किस अवसर पर पहनेंगी। हमने दो कसूती साड़ी भेजी थीं। हमने आज टीवी पर देखा कि वह हमारे द्वारा डिजाइन की गई साड़ी पहनकर संसद में बजट पेश करने जा रही हैं। हम बहुत खुश हैं।''
कहा जा रहा है कि धारवाड़ शहर के नारायणपुर स्थित आरती हिरेमठ के स्वामित्व वाली आरती शिल्प की महिलाओं ने इस साड़ी पर विशेष रूप से कढ़ाई की हैद्जिध ला सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक कार्यक्रम में मंत्री निर्मला सीतारमण को नवलगुंडा कढ़ाई कला और सांस्कृतिक समृद्धि के बारे में बताया और इन साड़ियों को मंत्री को उपहार के रूप में भेंट किया था।
इसके बाद कढ़ाई विशेषज्ञों की पहचान की गई और उन्हें कढ़ाई वाली साड़ियां तैयार करने के निर्देश दिया। आरती क्राफ्ट्स की मालकिन आरती हिरेमथ ने अपना एम्ब्रॉयडरी का व्यापार करीब 32 साल पहले शुरू किया था। धीरे धीरे उन्होंने अपने व्यापार को बढ़ाया और मौजूदा समय में उनकी टीम में लगभग 210 महिलाएं काम कर रही हैं उन्होंने इन महिलाओं को आवश्यक कढ़ाई प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार दिया है ।